आर्मी चीफ की दो टूक :भारत से करना है दोस्ती तो इस्लामिक स्टेट से धर्मनिरपेक्ष बने पाक
आर्मी चीफ की दो टूक :भारत से करना है दोस्ती तो इस्लामिक स्टेट से धर्मनिरपेक्ष बने पाक
- अगर पाकिस्तान को भारत के साथ रहना है तो फिर खुद को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाना होगा।
- पाकिस्तान ने खुद को एक इस्लामिक देश बना लिया है।
- भारतीय थल सेना प्रमुख बिपिन रावत की दो टूक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय थल सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने पाक पीएम इमरान को दो टूक कहा है कि अगर पाकिस्तान को भारत के साथ रहना है तो फिर खुद को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाना होगा। रावत ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद को एक इस्लामिक स्टेट बना लिया है। अगर उन्हें भारत के साथ चलना है तो उन्हें सेकुलर देश बनना होगा।
Army Chief General Bipin Rawat: Pakistan has made its state an Islamic State. If they have to stay together with India, then they"ve to develop as a secular state. We are a secular state. If they"re willing to become secular like us, then they seem to have an opportunity pic.twitter.com/1Os8jBzfRh
— ANI (@ANI) November 30, 2018
बता दें कि गुरूवार को पाक पीएम इमरान खान ने कहा था कि भारत एक कदम उठाएगा तो हम दो कदम उठाएंगे। इसी के जवाब में बिपिन रावत ने कहा, हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, अगर वे भी हमारी तरह एक धर्मनिरपेक्ष देश बनना चाहते हैं तो फिर उनके पास मौका है। सेना प्रमुख ने बताया कि पाकिस्तान हमसे कहता है कि हम एक स्टेप लें और वह दो लेगा, लेकिन वो जो कह रहे हैं उसमें विरोधाभास है।
Army Chief: You"ll see increase in role of women in Armed forces.We haven"t yet taken them in front-line combat role. We feel we aren"t yet ready. Western nations are more open. Boysgirls are operating together in big cities here but ppl in Army don"t only come from big cities pic.twitter.com/xA0x0JJ0jK
— ANI (@ANI) November 30, 2018
आर्मी चीफ ने कहा, हमारे राष्ट्र की पॉलिसी साफ है- आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि पहला कदम पाक की ओर से एक सकारात्मक रूप से होना चाहिए। हम देखेंगे कि क्या वह कदम जमीन पर प्रभाव डाल रहा है। तब हमारे देश की स्पष्ट नीति होगी।
Army Chief: They"re (Pak) saying you take one step, we"ll take 2. There is contraditcion in what they"re saying. 1 step from there should come in a positive manner,we"ll see if the step has effect on ground.Till then our nation has a clear policy- terror talks can"t go together pic.twitter.com/QzhbsNQQLu
— ANI (@ANI) November 30, 2018
सेना में महिलाओं की भागीदरी पर आर्मी चीफ ने कहा कि महिलाओं की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है। हमने उन्हें अभी फ्रंटलाइन कॉम्बैट रोल की जिम्मेदारी नहीं दी है। हमे लगता है कि हमें अभी थोड़ा और इंतजार करने की जरूरत है।अभी हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। सेना में महिलाओं की भागीदारी को लेकर पश्चिमी देश ज्यादा खुले हुए हैं। बड़े शहरों में भले ही लड़के-लड़कियां साथ में काम कर रहे हो लेकिन सेना में लोग सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लैंग्वेज इंटरप्रेटर, सैन्य कूटनीति जैसे क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को रखना फायदेमंद होगा।