2002 गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी याकूब पटालिया को सुनाई उम्रकैद की सजा

2002 गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी याकूब पटालिया को सुनाई उम्रकैद की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-20 08:56 GMT
2002 गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी याकूब पटालिया को सुनाई उम्रकैद की सजा

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। 2002 में हुए गोधरा कांड में अहमदाबाद की विशेष एसआईटी अदालत ने आरोपी याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। याकूब उस भीड़ में शामिल था, जिसने गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई थी। इस हादसे में करीब 59 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इस घटना के बाद पूरे गुजरात में दंगे भी हुए थे। जनवरी 2018 में गुजरात पुलिस ने आरोपी याकूब को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही एसआईटी को सौंप दिया था।

 


याकूब के खिलाफ 2002 में दर्ज की गई थी FIR 
बता दें कि याकूब पटालिया के खिलाफ सितंबर 2002 में FIR दर्ज की गई थी। गिरफ्तारी के बाद उस पर हत्या, हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मुकदमा चलाया गया। FIR के बाद भी याकूब फरार चल रहा था। इस मामले में याकूब के भाई कादिर पटालिया को 2015 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान कादिर की जेल में ही मौत हो गई थी।


11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली गई थी 
गुजरात हाईकोर्ट अक्टूबर 2017 में गोधरा कांड में 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था, जबकि अन्य 20 मुजरिमों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। इससे पहले निचली अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 63 को बरी कर दिया था।

हादसे में हुई थी 59 लोगों की मौत
गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी, इनमें ज्यादातर कार सेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे। 28 फरवरी से 31 मार्च, 2002 तक गुजरात के कई इलाकों में दंगा भड़का था, जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इस मामले में 1500 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

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