वित्त मंत्रालय ने IT विभाग के 12 सीनियर अफसरों को जबरन किया रिटायर

वित्त मंत्रालय ने IT विभाग के 12 सीनियर अफसरों को जबरन किया रिटायर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-11 06:46 GMT
वित्त मंत्रालय ने IT विभाग के 12 सीनियर अफसरों को जबरन किया रिटायर
हाईलाइट
  • IT विभाग के मुख्य आयुक्त
  • प्रधान आयुक्त समेत 12 अफसरों की छुट्टी
  • अधिकारियों पर थे भ्रष्टाचार
  • आय से अधिक संपत्ति और यौन उत्पीड़न के आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के 12 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है। इनमें से कुछ अधिकारियों पर रिश्वत, जबरन वसूली और महिला अफसरों का यौन शोषण करने के आरोप लगे थे। जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत इन अफसरों को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दी है।

रिटायर किए गए सभी अधिकारी आयकर विभाग में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे। 12 अधिकारियों में अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल हैं।

इनकम टैक्स विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर अशोक अग्रवाल को भ्रष्टाचार की शिकायतों और बिजनेसमैन से जबरन वसूली के आधार पर रिटायर किया गया है। नोएडा में कमिश्नर (अपील) के पोस्ट पर तैनात एसके श्रीवास्तव पर यौन उत्पीड़न का आरोप था। कमिश्नर रैंक के अधिकारी होमी राजवंश ने खुद के और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 3 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी। बीबी राजेंद्र प्रसाद ने फेवरेवल अपील पास करने के बदले में अवैध रूप से लाभ लिया था।

बता दें कि, वित्त मंत्रालय नियम 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर कर सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दे सकती है। इसका मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है। 

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