सोलर मिशन: इसरो रचने जा रहा इतिहास, कुछ समय बाद लैग्रेंजियन प्वाइंट पर पहुंचेगा आदित्य-एल1
- पिछले साल सितंबर में लॉन्च हुआ था मिशन
- लैग्रेंजियन प्वाइंट पर पहुंचेगा आदित्य एल1
- सूर्य के करीब रहकर करेगा अध्ययन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नाम एक उपलब्धि दर्ज होने वाली है। एजेंसी का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 अपनी मंजिल के काफी नजदीक पहुंच गया है। बता दें कि पिछले साल 2 सितंबर को इसे लॉन्च किया गया था, इस तरह करीब 4 महीने की यात्रा के बाद इसका प्रवेश आर्बिट में कराने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक इसे आज शाम लगभग 4 बजे अपनी कक्षा में स्थापित किया जाएगा। हालांकि इसकी आखिरी स्टेज बेहद कठिन है।
बिना किसी ग्रहण के दिखेगा सूर्य
मिशन को लेकर न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से सोमवार को बात की थी। जिसमें उन्होंने कहा था, "आदित्य-एल1 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने एल1 प्वाइंट पर पहुंचने वाला है और हम इसे वहां बनाए रखने के लिए अंतिम युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं।"
बता दें कि अपने आखिरी स्टेज यानी लैग्रेंजियन प्वाइट पर पहुंचने के बाद यह अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा। इसरो प्रमुख ने बाताया था कि, ''जब यह एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा, हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा ताकि यह आगे न बढ़े। यह उस प्वाइंट तक जाएगा और एक बार जब यह वहां पहुंच जाएगा तो उसके चारों ओर घूमेगा और L1 पर ही रह जाएगा।'' उन्होंने बताया कि आदित्य L-1 के गंतव्य तक पहुंचने के बाद वह अगले 5 सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा।
क्यों अहम है मिशन?
400 करोड़ की लागत से निर्मित आदित्य एल 1 एक सैटेलाइट यान है जिसका वजन करीब 15 सौ किलो है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मिशन का लक्ष्य पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित एल1 यानी लैगेंजियन प्वाइंट के करीब की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है। बता दें कि लैग्रेंज प्वाइंट वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के मध्य गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है।