ड्रोन हमला: इजरायल- हमास की लड़ाई हिंद महासागर पहुंची, भारत आ रहे जहाज पर ईरानी ड्रोन से हमला

  • पेंटागन ने कहा कि ड्रोन ईरान से लॉन्च हुआ
  • भारतीय तट हिंद महासागर में जहाज पर हमला
  • जहाज में 21 भारतीय चालक दल के मेंबर सवार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-24 03:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत आ रहे जहाज पर हिंद महासागर में ड्रोन से हमला हुआ है। हमले के पीछे अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने ईरान का हाथ बताया है। पेंटागन ने कहा कि ड्रोन ईरान से लॉन्च हुआ । आपको बता दें भारतीय तट हिंद महासागर में जिस जहाज पर हमला हुआ है वह सऊदी अरब से भारत के मेंगलुरु आ रहा था। अमेरिका ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ये हमला प्लूटो नाम के जहाज पर शनिवार सुबह 10 बजे हुआ था। उस समय जहाज अमेरिका के कॉन्टेक्ट में था।  

पेंटागन ने अपने एक बयान में कहा है कि यह 2021 के बाद से  व्यापार शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता ने इस हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि अब ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी ने अमेरिका के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि हूती विद्रोहियों के पास अपने हथियार हैं, वो अपने फैसले खुद लेते है। हमले में भूमिका को लेकर उन्होंने आगे कहा कि हमले में ईरान का कोई हाथ नहीं है। हूती विद्रोही लाल सागर  में अक्सर जहाजों पर हमले करते रहते हैं।

आपको बता दें अरब सागर भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक प्रमुख समुद्री मार्ग है। जहाज में 21 भारतीय चालक दल के मेंबर सवार थे। हमले की सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना ने व्यापारिक जहाज की सहायता के लिए एक अग्रिम युद्धपोत भेजा। हमले से जहाज में आग लग गई, जिसे फौरन बुझा लिया गया। जिससे भारी नुकसान होने से बच गए। एक पी-8आई लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान ने जहाज, एमवी केम प्लूटो और उसके चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की। हमले की सूचना मिलते ही P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।  भारतीय तटरक्षक बल ने भी अपने जहाज आईसीजीएस विक्रम को घटना वाले क्षेत्र तरफ मोड़ दिया है। आपको बता दें आईसीजीएस विक्रम भारत के इकॉनोमिक जोन की गश्ती के लिए तैनात किया गया था। क्षेत्र के सभी जहाजों को सहायता प्रदान करने के लिए अलर्ट कर दिया है।

आज तक ने अपनी खबर में पेंटागन के हवाले से लिखा है कि मोटर जहाज CHEM प्लूटो पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था जिसका मालिकाना हक जापानी कंपनी के पास है और नीदरलैंड से संचालित होता था। बताया जा रहा है कि कैमिकल टैंकर पर स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजे (6 बजे GMT) गुजरात के वेरावल तट से 200 नॉटिकल मील की दूरी पर ड्रोन हमला हुआ। हमला ईरानी ड्रोन से हुआ है। ड्रोन हमले को भारत के लिए खतरा बताया जा रहा है साथ ही इससे भारत की चिंता बढ़ेंगी।

इजरायल -हमास युद्ध के बीच ईरान यमन द्वारा समर्थित हूती विद्रोही लगातार समुद्री हमलों को बढ़ावा दे रहे है। हूती विद्रोहियो ने नवंबर महीने में लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को भी हाइजैक  कर लिया था। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर जाने वाले इजराली जहाजों को निशाना बनने की चेतावनी दी थी। हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई व्यापारिक जहाजों को अपना निशाना भी बनाया था। जिस वजह से व्यापारिक जहाजों को रूट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 

 
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