इसरो: इनसैट-3डीएस' सैटेलाइट श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण के लिए तैयार, 17 फरवरी की शाम को होगा प्रक्षेपण

  • मौसम विज्ञान और आपदा चेतावनी
  • अंतरिक्ष नियामक ने 2023 की अंतिम तिमाही
  • एलवीएम-3 मिशन और एसएसएलवी के दो प्रक्षेपण किए जाने की उम्मीद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-08 14:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इसरो ने श्रीहरिकोटा लॉन्चिंग क्षेत्र पर 'इनसैट-3डीएस' को लॉन्च करने के लिए तैनात कर दिया है। इस उपग्रह को 17 फरवरी की शाम 5:30 बजे  प्रक्षेपित किया जाएगा। मौसम विज्ञान और आपदा चेतावनी की जानकारी उपलब्ध कराना इनसैट-3डीएस का मुख्य उद्देश्य है। गुरुवार को भारत के अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस ने  कहा कि अगले 14 महीनों में करीब 30 उपग्रहों के प्रक्षेपण की तैयारी चल रही है। इसमें सात मिशन गगनयान से जुड़े होंगे। इसका पूरा बजट पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। 

अंतरिक्ष नियामक ने 2023 की अंतिम तिमाही से लेकर अगले वित्त वर्ष तक प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सात स्पेस लॉन्च निजी स्टार्टअप स्काईरूट और अग्निकुल की तरफ से किए जाएंगे। इसरो के नए रॉकेट एसएसएलवी (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के अलावा वारहार्स पीएसएलवी को भी लॉन्च किया जाएगा, जिसे एक उद्योग संघ ने विकसित किया है। 

अगले दो महीनों के भीतर चेन्नई स्थित अग्निकुल कॉसमॉस अपना पहला 3-डी प्रिंटेड रॉकेट अग्निबाण-एसओआरटीईडी प्रक्षेपित करने वाला है। अग्निबाण रॉकेट की पहली उड़ान एक उप-कक्षीय मिशन होगी। अन्य प्रक्षेपणों में जीएसएलवी-एफ14 भी शामिल है। जिसके जरिये इनसैट-3डीएस उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी के चार प्रक्षेपण, एक एलवीएम-3 मिशन और एसएसएलवी के दो प्रक्षेपण किए जाने की उम्मीद है।

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