महाराष्ट्र-झारखंड उपचुनाव: हरियाणा की हार से कांग्रेस ने लिया सबक! नेताओं को दी सहयोगी दलों से जुड़ी ये खास नसीहत
- अंदरूनी कलह को लेकर कांग्रेस सख्त
- पार्टी नेताओं को सहयोगी दलों के खिलाफ बयानबाजी ना करने की सलाह
- कांग्रेस ने एकजुट रहने की दी नसीहत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डेट्स की घोषणा की है। ऐसे में कांग्रेस ने हाल ही में आए हरियाणा उपचुनाव के नतीजों को देखते हुए महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी इस चुनाव में वह गलतियों को ना दोहराने के प्रयास में जुटी हुई है जो हरियाणा चुनाव के दौरान हुई थी। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को एकजुट रहने की सलाह दी है। साथ ही, नेताओं से कहा गया है कि उन्हें सहयोगी दलों या उनके नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह का सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की गलती?
आपको बता दें कि, हरियाणा में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार मिलने की एक बहुत बड़ी वजह भीतरी कलह बताई जा रही है। राज्य कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं के बीच खटास और गुटबाजी के चलते हरियाणा से कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया। यहीं चीज महाराष्ट्र-झारखंड में फिर से दोहराई ना जा सके इसलिए पार्टी ने अपने नेताओं को चेतावनी दी है। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को यह नसीहत एक बैठक के दौरान दी गई है। खड़गे और राहुल गांधी की तरफ से यह सलाह तब दी गई है जब सबकी नजरें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के बीच सीट बंटवारे पर टिकी हुई है।
महाराष्ट्र में कब हैं चुनाव?
महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होंगे। जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
झारखंड में दो चरणों में होंगे चुनाव
मालूम हो कि, झारखंड की 81 सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग होगी। पहला फेज 13 नवंबर और दूसरा फेज 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। 23 नवंबर को नतीजों की घोषणा होगी।