प्रदूषण कैसे बन रहा खतरा?: दिल्ली का प्रदूषण बना सकता है अपंग? करीब 15,500 लोगों पर हुई रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, प्रदूषण और अपंगता में मिला कनेक्शन
- दिल्ली की जहरीली गैस कर रही बुजुर्गों को परेशान
- स्टडी में पता चला डिसएबिलिटी का प्रदूषण से कनेक्शन
- बुजुर्गों को रोज के काम करने में भी आ रही परेशानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में एक नए रिसर्च से पता चला है कि प्रदूषण में ज्यादा समय तक रहने से बुजुर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रिसर्च में करीब 15 हजार 5 सौ लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों पर आठ साल तक लगातार नजर रखने के बाद पता चला कि 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोग प्रदूषण की वजह से रोज के काम करने में काफी परेशानी का सामना करते हैं।
बुजुर्गों पर प्रदूषण का कैसा हो रहा असर?
रिसर्च में सामने आया है कि PM2.5, PM10-2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे पॉल्यूटेंट्स बहुत ज्यादा मात्रा में पाए गए हैं। जिस वजह से रोज के कामों में परेशानी देखने मिल रही है। वहीं ओजोन के लिए बताया गया है कि इससे कम खतरा है। रिसर्चर्स ने बताया कि, उनको रिसर्च से पता चलता है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बुजुर्गों में शारीरिक डिसएबिलिटी का एक कारण हो सकता है।
फेफड़ों में भी परेशानी
दिल्ली के डॉक्टर्स ने भी इस बात पर सहमत हैं कि प्रदूषण से बुजुर्गों की मेंटल डिसएबिलिटी का खतरा बढ़ता जा रहा है। आकाश हेल्थकेयर में सांस और नींद की परेशानियों को ठीक करने वाले वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉक्टर अक्षय बुधराजा ने बताया है कि PM2.5, PM10 और नाइट्रोडन डाइऑक्साइड जैसे पॉल्यूटेंट्स में सांस के जरिए अंदर लेने से फेफड़ों में सूजन और ऑक्सीडेटिव परेशानी बढ़ जाती है।