इजराइल-हमास युद्ध: इजराइल-हमास के बीच युद्ध रुकेगा या नहीं- यूएनजीए में मतदान से भारत ने बनाई दूरियां, खुद ही बताया कारण
- इजराइल-हमास युद्ध जारी
- गाजा में 7 हजार से अधिक लोगों की मौत
डिजिटल डेस्क, तेल अवीव। इजराइल-हमास में युद्ध जारी है। 22 दिनों से दोनों में भयंकर बमबारी हो रही है। इस युद्ध ने पूरी दुनिया को दो भागों में बांट दिया है। इसी को लेकर जॉर्डन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए में एक प्रस्ताव पेश किया। जिसमें भारत ने मतदान करने से परहेज किया है। ये मसौदा इजराइल-हमास युद्ध को मानवीय सहायता के लिए तत्काल संघर्ष विराम का आव्हान के लिए लाया गया था। भारत ने वोट करने से खुद को इसलिए रोका क्योंकि इस प्रस्ताव में हमास को आतंकवादी संगठन का कोई जिक्र नहीं था। इस प्रस्ताव में गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय सहायता का आव्हान किया गया था। इसे बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई देशों का समर्थन मिला।
वोटिंग से भारत रहा दूर
भारत के अलावा इस मतदान में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके ने भाग नहीं लिया। इस प्रस्ताव को भारी मतों से अपनाया जा चुका है। 120 देशों ने जॉर्डन के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया। वहीं 45 देशों ने इसमें भाग भी नहीं लिया जिसमें भारत भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव को पेश करने के बाद संशोधन भी किया गया। एक पैराग्राफ में संशोधन करते हुए कहा गया है "महासभा 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमास के आतंकवादी हमलों और बंधक बनाने की घटना को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और निंदा करती है। बंधकों के साथ मानवीय व्यवहार हो और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित की जाए।"
गाजा पट्टी में लाशों का लगा अंबार
भारत ने 87 अन्य देशों के साथ संशोधन के पक्ष में मतदान किया जबकि पचास सदस्य देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया और 23 वोटिंग से दूर रहे। इजराइल-हमास युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। केवल गाजा पट्टी में सात हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। जबकि इजराइल में हमास के हमले की वजह से हजार से अधिक लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं।