नाटो शिखर सम्मेलन: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा चीन दो नाव की सवारी नहीं कर सकता, चीन रूस को हथियार सप्लाई कर रहा है

  • अमेरिका ने अपने हिंद-प्रशांत भागीदारों को किया आमंत्रित
  • एक साथ खड़े होने पर लोकतंत्र अधिक मजबूत और अधिक प्रभावी होंगे
  • बीजिंग ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता बनाए रखने में सक्षम बनाया-ब्लिंकन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-11 03:00 GMT

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा राष्ट्रपति जो बाइडेन यूरोप, एशिया और अमेरिका के बीच आई दरारों को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं।  ब्लिंकन ने ये बात नाटो शिखर सम्मेलन से इतर कही। आपको बता दें, नाटो शिखर सम्मेलन में अमेरिका के हिंद-प्रशांत साझेदारों- ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह लगातार तीसरी बार है, जब यूएस ने अपने हिंद-प्रशांत भागीदारों को आमंत्रित किया है। ब्लिंकन ने कहा, 'जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता दिखाई तो इसके विरोध में जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड खड़ा हुआ।

यह इस बात को दर्शाता था कि ये चुनौतियां आपस में जुड़ी हुई हैं। साथ ही जब लोकतंत्र एक साथ खड़े होते हैं, चाहे वे यूरोप, एशिया या कहीं और हों, हम अधिक मजबूत और अधिक प्रभावी होंगे। ब्लिंकन ने आगे कहा आज जब हम यहां वाशिंगटन में अपने हिंद-प्रशांत भागीदारों के साथ इकट्ठे हो रहे हैं, इसका मतलब यह है कि हम यूरोप, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच आई दरारों को खत्म कर रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन का पहले दिन से ही एक उद्देश्य रहा है कि न केवल हमारे सहयोगियों के साथ रिश्ते सुधारना बल्कि यूरोपीय भागीदारों और एशियाई भागीदारों के बीच बाधाओं को खत्म करना है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और चीन से संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है।

ब्लिंकन ने कहा चीन रूस को अपनी आक्रामकता जारी रखने के लिए हथियार नहीं दे रहा है, बल्कि मॉस्को के रक्षा औद्योगिक बेस में अहम भूमिका निभा रहा है। रूस जिन 70 प्रतिशत मशीन उपकरणों टूल्स का आयात कर रहा है वे चीन से आयात हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि रूस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 90 प्रतिशत माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स चीन से आ रहे हैं। बीजिंग अपनी आक्रामकता बनाए रखने चाहता है। चीन मॉस्को को टैंक, मिसाइल, युद्ध सामग्री जैसे हथियार दे रहा हैं। उन्होंने कहा, 'हमने पिछले डेढ़ साल में टैंक, मिसाइल, युद्ध सामग्री जैसे इसके हथियारों में बड़ी वृद्धि देखी है। चीन दो नाव की सवारी नहीं कर सकता।

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