रूस-यूक्रेन युद्ध: यूक्रेन ने शांति के लिए रूस की शर्तों को 'हिटलरी आदेश' बताते हुए किया खारिज, चीन की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ!
- यूक्रेन ने शांति के लिए रूस की शर्तों को ठुकराया
- शांति के लिए रूस की शर्तों को बताया 'हिटलरी आदेश'
- फ्रांस ने शर्तों को 'आत्मसमर्पण' करार दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच करीब पिछले दो साल से युद्ध जारी है। दोनों देशों के बीच जारी इस महायुद्ध का फिलहाल अंत होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की ने युद्ध खत्म करने के लिए रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन की शर्तों को 'हिटलरी आदेश' बताते हुए खारिज कर दिया है। पुतिन ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष को खत्म कर शांति वार्ता के लिए यूक्रेन के सामने दो शर्तें रखी थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर शांति का दिखावा करने का आरोप लगाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस के सहयोगी और मित्र देश चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए शांति के लिए अहम बताया है।
'न्यायसंगत शांति के लिए नहीं तैयार है रूस' - जेलेंस्की
स्विटरलैंड में आयोजित 80 से ज्यादा देशों के एक सम्मेलन में संबोधन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति ने शांति के लिए रूस की शर्तों को नकार दिया है। समापन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि रूस न्यायसंगत शांति के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और यूक्रेन से रूस की पूर्ण वापसी पर जोर दिया है। बता दें, इस सम्मेलन का मुख्य आदेश यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाना था।
'चीन हमारा दुश्मन नहीं' - यूक्रेन
रूस की शर्तों को खारिज करते हुए यूक्रेन ने चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की कोशिश की है। यूक्रेन का मानना है कि युद्ध खत्म कर शांति वार्ता में चीन दोनों देशों के बीच अहम भूमिका निभा सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपित ने सम्मेलन में कहा कि उनका मानना है कि चीन यूक्रेन की मदद कर सकता है। यही वजह है कि वह चीनी पक्ष के कुछ प्रस्तावों पर गौर करना चाहेंगे। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि चीन हमारा दुश्मन नहीं है। बता दें कि सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था और करीबी होने के नाते चीन ने भी इस सम्मेलन से दूरी बना ली।
रूस की शर्तें
व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए 14 जून को यूक्रेन के सामने दो शर्तें रखी थी। रूस ने यूक्रेन को देश के दक्षिण और पूर्व से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की पहली शर्त रखी है। वहीं दूसरी शर्त के मुताबिक, यूक्रेन को नाटो समूह की सदस्यता छोड़नी होगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन शर्तों को हिटलरी आदेश करार देते हुए खारिज कर दिया है। वहीं सम्मेलन में शामिल फ्रांस ने रूसी शर्तों को आत्मसमर्पण बताया है।