चौथा संसदीय चुनाव: भारत विरोधी मालदीव राष्ट्रपति मुइज्जू का आज कड़ा इम्तिहान
- संसदीय चुनाव से पहले मुसीबत में मुइज्जू
- राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत विरोधी नीति
- बुनियादी ढांचे का विकास और खराब अर्थव्यवस्था प्रमुख मुद्दे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव में चौथे संसदीय चुनाव के लिए हो रही वोटिंग मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए मुसीबत मानी जा रही है।भारत विरोधी रूख अपनाने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए चुनाव को एक कड़े इम्तिहान के तौर पर देखा जा रहा है। डॉ. मुइज्जू के पीपीएम-पीएनसी गठबंधन ने 'इंडिया आउट' का नारा देकर सितंबर 2023 में राष्ट्रपति चुनाव जीता था। चुनावी मैदान में आठ राजनीतिक पार्टियां हैं जिन्होंने 93 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 368 उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव में बेरोजगारी, बुनियादी ढांचे का विकास और खराब अर्थव्यवस्था प्रमुख मुद्दे हैं।
2.8 लाख से अधिक मतदाता 602 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। विदेश में तीन मतदान केंद्र भी शामिल हैं, कोलंबो, त्रिवेन्द्रम और क्वालालंपुर में भी मतदान केंद्र बनाए गए है। पहली बार राष्ट्रपति बने मोहम्मद मुइज्जू की भारत विरोधी नीति, भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने के फैसले की भी चुनाव में परीक्षा होगी।वहीं भारत को उम्मीद है कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी - मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) - बहुमत हासिल करेगी।अगर ऐसा होता है तो वह पार्टी कार्यकारी शक्ति की प्रभावी विधायी निगरानी कर सकेगी।मालदीव संविधान के तहत संसद के सभी निर्णयों और सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयकों को संसदीय बहुमत से पारित कराना आवश्यक होता है।
विपक्ष ने मुइज्जू सरकार पर लगाए आरोप
मतदान से पहले, एमडीपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने मुइज्जू सरकार पर निशाना साधा। शाहिद ने मुइज्जू प्रशासन पर घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल होने का आरोप लगाया है। मालदीव के लोग भी लोकतांत्रिक मूल्यों में गिरावट देख रहे हैं।शाहिद ने कहा कि उनकी पार्टी जीत को लेकर आश्वासित है।शाहिद ने कहा कि मुइज्जू "झूठ और नफरत फैलाकर" सत्ता पर आसीन हो गए और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं।लोगों को नौकरियों से निलंबन और बर्खास्त किया जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है।पिछली संसद में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पास 44 सांसदों के साथ बहुमत था। संसद में बहुमत नहीं होने के कारण मुइज्जू के लिए नए कानून बनाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।
मुसीबत में मुइज्जू
विपक्ष ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है।विपक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है। इतना ही नहीं, विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी भी कर रहा है। मालदीव की न्यूज वेबसाइट mvrepublic.com की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लीक रिपोर्ट में 2018 में मुइज्जू के पर्सनल बैंक अकाउंट से हुए ट्रांजेक्शन में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।