अनवार उल हक चुने गए पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री, शहबाज शरीफ और राजा रियाज ने सहमति से लिया फैसला, 13 अगस्त को ले सकते हैं शपथ
- नेशनल असेंबली भंग होने के 2 दिन बाद लिया फैसला
- संविधान के मुताबिक असेंबली भंग होने के तीन दिन के भीतर लेना होता है फैसला
- शहबाज शरीफ और राजा रियाज की सहमति के बाद हुआ निर्णय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जारी सियासी उठापठक के बीच अनवर-उल-हक को कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। देश में नेशनल असेंबली भंग होने के 2 दिन बाद विपक्ष और सरकार ने दो दौर की बैठक के बाद अनवर-उल-हक को इस पद के लिए चुना है। नेशनल असेंबली में सत्ता दल के नेता शहबाज शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज ने उनके नाम को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति अल्वी के समक्ष भेजा है। बता दें कि अनवर बलोचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) के नेता हैं और नेशनल असेंबली में सीनेटर हैं।
13 अगस्त को संभाल सकते हैं पद
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि बलूचिस्तान से सांसद अनवर को कार्यवाहक पीएम के पद के लिए चुना गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह 13 अगस्त को इस पद की शपथ ले सकते हैं। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार, असेंबली भंग होने के 90 दिनों के भीतर एक न्यूट्रल केयरटेकर गवर्मेंट देश में कामकाज के लिए जिम्मेदार होती है। जिसके मुताबिक देश में होने वाले आगामी आमचुनाव कराने की जिम्मेदारी अब अनवर के कंधों पर ही होगी।
बता दें कि 9 अगस्त को देश की असेंबली भंग होने के बाद शहबाज शराफ का प्रधानमंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था। संविधान के अनुच्छेद 224 ए के मुताबिक नेशनल असेंबली भंग होने के 3 दिनों के अंदर निवर्तमान पीएम और विपक्ष के नेता को कार्यवाहक पीएम के लिए एक नाम प्रस्तावित करना होता है। ऐसे में 12 अगस्त को कार्यवाहक पीएम चुनने की लास्ट डेट थी। राष्ट्रपति अल्वी ने इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता को असेंबली भंग होने के बाद पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया था। राष्ट्रपति के इस पत्र पर शहबाज शरीफ ने निराशा भी जताई थी।
इस्लामाबाद में मीडिया से बातचीत के दौरान शहबाज ने कहा था कि 12 अगस्त तक हम अंतरिम पीएम पद के लिए नाम फाइनल कर लेंगे। राष्ट्रपति अल्वी के पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि 'राष्ट्रपति इतनी जल्दी में क्यों हैं? शायद उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा होगा।'