नई महामारी की दस्तक!: चीन में फैले नए वायरस से डरी दुनिया, कोरोनाकाल की यादें हुई ताजा, इस रहस्यमयी बीमारी से भारत को कितना खतरा?

  • चीन में फैले वायरस से फिर डरी दुनिया
  • कोरोना जैसी महामारी आने का अंदेशा
  • भारत के लिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-27 13:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के जन्मदाता चीन में एक और रहस्यमयी वायरस अपने पैर पसारने लगा है। इस बीमारी ने बड़ी संख्या में छोटे बच्चों को अपनी चपेट ले लिया है। बच्चों में बढ़ी इस रहस्यमयी बीमारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बीते दिनों चिंता जताई गई है। जिसके बाद चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया है। जिसमें कहा गया है कि देश में फैली इस बीमारी के पीछे कोई नया वायरस नहीं है। हालांकि सांस संबंधी इस बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि इस बीमारी में अचानक आई तेजी का क्या कारण है?

चीन ने इसे बताया जिम्मेदार

चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि फ्लू और अन्य रोजनकों की वजह से देश में सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा हुआ है। इन बीमारियों के लिए सामान्य वायरस जैसे कि इन्फ्लूएंजा वायरस, राइनोवायरस और ऐडेनोवायरस के साथ माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जिम्मेदार हैं। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा श्वसन से जुड़े इंफेक्शन के मामलों में तेजी आने के बाद चीन से इससे जुड़े आंकड़े मांगे थे।

बता दें कि इस अज्ञात वायरस के सबसे अधिक मामले चीन के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग और बीजिंग प्रांत में देखे जा रहे हैं। इसके लक्ष्णों में तेज खांसी, बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल हैं। इस वायरस की वजह से इन इलाकों के सभी अस्पताल भर गए हैं। इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए स्थानीय सरकार ने यहां के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला ले लिया गया है।

क्या है यह वायरस?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वायरस को नया रहस्यमयी निमोनिया वायरस मान रहे हैं। क्योंकि इसके कुछेक लक्षण निमोनिया से काफी मिलते जुलते नजर आ रहे हैं। जैसे निमोनिया में बच्चों को बलगम वाली खांसी, तेज बुखार और फेंफड़ों में सूजन की शिकायत होती है, वैसी ही इस रहस्यमयी निमोनिया में भी बच्चों को तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन की शिकायत हो रही है। हालांकि इसमें बच्चों को सामान्य निमोनिया की तरह बलगम वाली खांसी की जगह केवल सूखी खांसी ही चल रही है।

क्या यह कोई महामारी है?

यह वायरस काफी लंबे समय से चीन में फैल रहा था। लेकिन यह चर्चा में तब आया जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से इस बीमारी के मामलों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा। इस बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक महामारी नहीं घोषित किया है क्योंकि बिना किसी प्रभावी जांच पड़ताल के किसी बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया जाता है।

वहीं इस बीमारी पर दुनिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी है। लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रोफेसर फेंकोइस बैलौक्स का कहना है कि, 'चूंकि चीन ने किसी भी अन्य देश की तुलना में कहीं अधिक लंबा और कठोर लॉकडाउन लागू किया था, इसलिए यह अनुमान लगाया गया था कि इसमें ढील के बाद चीन में लोगों को ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।' वहीं ऑस्ट्रेलिया के डीकिन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर कैथरीन के मुताबिक, चीन में सख्त कोविड प्रतिबंधों के चलते स्कूल लंबे समय से बंद थे, ऐसे में छोटे बच्चे सामान्य रोगजनकों के संपर्क में नहीं आए जिस वजह से उनमें सामान्य रोग प्रतिरोधी क्षमता का स्तर कम हो गया।

चीन में इस बीमारी से जुड़ी रिपोर्ट जैसे ही सामने आईं, दुनियाभर में कोरोना के समय की यादें ताजा हो गईं। ब्रिटेन के ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल हंटर ने कहा है कि, यह रहस्यमयी बीमारी मुझे किसी नए वायरस की तरह फैली हुई बीमारी प्रतीत नहीं होती है। यदि ऐसा होता तो, मैं वयस्कों में और भी तरह के संक्रमण देखता। उन्होंने कहा कि वयस्कों की रिपोर्ट में आए कुछ संक्रमण इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वह पहले इस संक्रमण की चपेट में आए थे, जिस वजह से उनके भीतर नेचुरल इम्युनिटी मौजूद है।

भारत को कितना खतरा?

चीन से फैले कोरोना महामारी की वजह से भारत को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुईं देश की स्वास्थ्य सुविधाएं बड़ी मुश्किल से पहले की तरह बहाल हुई हैं। ऐसे में पड़ोसी देश चीन में फैली इस रहस्यमयी बीमारी से भारत भी सतर्क हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर हाल ही में एक बैठक की थी। इस बैठक में कहा गया था कि भारत में इस बीमारी के फैलने के चांच वैसे तो कम हैं लेकिन इसके बावजूद भी मंत्रालय इस पर बारिकी से नजर बनाए हुए है।

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