पाकिस्तान आम चुनाव: महिलाओं को 5 फीसदी टिकट देने के प्रावधान के उल्लंघन का मामला निर्वाचन आयोग को भेजा गया
- सामान्य सीटों पर न्यूनतम पांच प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने के प्रावधान
- चुनाव आयोग को कानून के अनुसार शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने आम चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा सामान्य सीटों पर न्यूनतम पांच प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने के प्रावधान का उल्लंघन करने का मामला निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। ‘डॉन न्यूज’ की खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति आमेर फारूक ने बुधवार को कहा कि बृहस्पतिवार को हो रहे आम चुनावों को रोका नहीं जा सकता, लेकिन पाकिस्तान निर्वाचन आयोग को चुनाव के बाद कानून के अनुसार शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पाकिस्तान ने शासन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और प्रांतीय दोनों स्तर पर विधायी प्रक्रिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की हैं। महिला अधिकारों की बात करने वाले संगठन महिला फाउंडेशन ने राष्ट्रीय चुनावों से पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को संबोधित एक पत्र में उक्त प्रावधान के उल्लंघन पर प्रकाश डाला। अपने खत में उन्होंने लिखा है कि हमें यह जानकर निराशा हुई है कि कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव अधिनियम की धारा 206 और राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता की धारा 6 के तहत सामान्य सीटों पर महिला उम्मीदवारों को न्यूनतम पांच प्रतिशत टिकट देने के कानून का पालन नहीं किया है।
सरकारी समाचार भाषा के मुताबिक औरत फाउंडेशन ने चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 206 का पालन न करने के लिए निर्वाचन आयोग के खिलाफ एक रिट दायर की थी, जिसमें कहा गया है कि नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय असेंबली में सभी राजनीतिक दलों द्वारा सामान्य सीट पर कम से कम पांच प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाने चाहिए।
संगठन द्वारा संकलित डेटा के मुताबिक, केवल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने नेशनल असेंबली के लिए सामान्य सीटों पर 9.6 और 7.8 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर जरुरत को पूरा किया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (4.5 प्रतिशत), जमात-ए-इस्लामी (4.4 प्रतिशत) और अवामी नेशनल पार्टी (3.3 प्रतिशत) सहित अन्य दल आवश्यक मानक से नीचे रहे। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी और जमीयत-ए-उलेमा-ए-इस्लाम-फजल ने आम चुनाव के लिए किसी भी सामान्य सीट पर महिलाओं को चुनावी मैदान में नहीं उतारा।