जम्मू-कश्मीर धारा 370: धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान, नेताओं से लेकर मीडिया तक सभी को लगी मिर्ची, दे रहे अनर्गल बयान

  • बौखलाया पाकिस्तान का मीडिया
  • नेता दे रहे अनर्गल बयान
  • विदेश मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसले पर उठाए सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-12 09:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए धारा 370 को हटाने के मोदी सरकार के निर्णय को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। वहीं कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार से लेकर मीडिया जगत बौखलाया हुआ है। यही वजह है कि भारतीय सुप्रीम का फैसला आने के तुरंत पाकिस्तान के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बात करें कार्यवाहक सरकार में विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी की तो उन्होंने फैसला आने के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस फैसले का कोई कानूनी महत्व नहीं है।

वहीं पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी सुप्रीम कोर्ट के 370 धारा को लेकर दिए फैसले पर बयान दिया है। उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा, 'भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर पर अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को खत्म करने के लिए गलत फैसले कर रहा है। वो परिषद के प्रस्तावों को सीधे नजरअंदाज करने का काम कर रहा है।' उन्होंने आगे लिखा, 'कई देश अब भारत के बुरे बर्ताव का अनुभव कर रहे हैं।'

इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत की सर्वोच्च अदालत ने कश्मीरियों के साथ धोखा किया है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ फैसला देकर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने लाखों कश्मीरियों के बलिदान के साथ विश्वासघात किया है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट के इस पक्षपातपूर्ण फैसले से कश्मीर की आज़ादी का आंदोलन और मज़बूत होगा। कश्मीरियों के संघर्ष में कोई कमी नहीं आएगी। इस फैसले को भारत के सुप्रीम कोर्ट के माथे पर लगे न्याय के खून की मान्यता के रूप में देखा जाएगा। मियां नवाज शरीफ के नेतृत्व में मुस्लिम लीग-एन हर स्तर पर कश्मीरियों के हक की आवाज उठाएगी। हम इस संघर्ष में अपने कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।"

बात करें पाकिस्तानी मीडिया की तो उसने भी भारतीय सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर निराशा जताई। जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, 'भारत उस विवाद को कैसे नजरअंदाज कर सकता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है? भारत के संविधान का अनुच्छेद 51 भी अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने के लिए कहता है और अनुच्छेद 3 राज्यों का सम्मान करने के लिए कहता है. भारत का सुप्रीम कोर्ट इस फैसले की बरकरार रखने की घोषणा कैसे कर सकता है?'

एक अन्य अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, 'नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एकतरफा कदम उठाते हुए अगस्त 2019 में कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. इस गैर-कानूनी कदम के खिलाफ किसी तरह का विरोध प्रदर्शन न हो, इसके लिए सरकार ने लाखों सैनिकों को घाटी में तैनात कर दिया था।'

बता दें कि 5 अगस्‍त 2019 को भारत के आर्टिकल 370 को हटाने से जुड़ा फैसला आने के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से ऐसे ही जहर उगला गया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उसके लिए जले पर नमक छिड़कने जैसा है।

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