पाकिस्तान को अब रंगों से बैर, स्कूलों में होली खेलने पर लगाया बैन, पक्ष में दी बेतुकी दलील

  • अन्य मजहब के लोगों की स्थिति सरकारी दावों से अलग है
  • गैर मुस्लिमों के हितों को प्रोटेक्शन देने की व्यवस्थाएं भी नहीं हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-21 12:20 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।  पाकिस्तान सरकार हमेशा से यह कहती रही है कि वह अन्य धर्मों के हितों का हमेशा ध्यान रखती है। लेकिन यहां अन्य मजहब के लोगों की स्थिति सरकारी दावों से अलग है। पाकिस्तान में आज इस्लामिक कायदे-कानूनों की वजह से हिंदू, बौध्य और क्रिश्चियनों के अधिकारों को मुस्लिम समुदाय के लोगों से कम किया जा रहा है।

हाल ही में खबर सामने आई है कि पाकिस्तान के सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यानि कि अब किसी भी शैक्षणिक संस्थानो में होली का कोई कार्यक्रम नहीं होगा न ही किसी को वहां पर होली खेलने दी जाएगी। पाकिस्तान के 'आज न्यूज' की रिपोर्ट में इस खबर के बारे में बताया गया है कि पाकिस्तानी हायर एजुकेशन कमीशन यानी उच्च शिक्षा आयोग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर बैन लगा दिया। इसके पीछे तर्क दिया कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह से अलग है वहीं देश की इस्लामी पहचान के विपरीत हैं। यह खबर इसी साल पाकिस्तानी स्कूलों में होली पर्व के मौके पर हिंदुओं पर हुए जानलेवा हमलों के बाद सामने आई है।

उच्च शिक्षा आयोग ने दी सफाई

पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने इस मामले पर कहा कि “हालांकि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है, जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है, मगर अभी हमने स्‍कूलों में होली सेलिब्रेशन को प्रतिबंधित किया है, जो देश की इस्लामी रीति-रिवाजों से ताल्‍लुक नहीं रखता। इस फैसले को बिना किसी बहस के स्‍वीकार करने की आवश्यकता है। छात्रों को इस बारे में और जागरूक होने की आवश्यकता है।''

पाकिस्तान में तेजी से घट रहे हिंदू

पाकिस्तान सरकार ने गैर मुस्लिम समुदायों को लेकर कई सख्त फैसले लिए है। यहां पर सरकार के साथ-साथ लोगों ने भी गैर मुस्लिमों के साथ हमेशा से ही बुरा व्यवहार किया है। जिनसे गैर मुस्लिमों की मुसीबतें तेजी से बढ़ी हैं यही नहीं यहां सियासत में गैर मुस्लिमों की पंहुच को सीमित कर दिया गया है। गैर मुस्लिमों के हितों को प्रोटेक्शन देने की व्यवस्थाएं भी नहीं हैं। बता दें बंटबारे के बाद पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों में केवल हिंदुओं की कुल आबादी 14 प्रतिशत से अधिक थी लेकिन अब यह 2 प्रतिशत भी नहीं बची है।

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