तीसरी बार बढ़ा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल, भारत के खिलाफ चाल चलने के लिए उठाया ये बड़ा कदम!
ड्रैगन की बढ़ती ताकत तीसरी बार बढ़ा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल, भारत के खिलाफ चाल चलने के लिए उठाया ये बड़ा कदम!
- शी जिनपिंग का कार्यकाल बढ़ा
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल बढ़ गया है। इसी के साथ जिनपिंग के नाम तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नाम दर्ज हो गया है। यह फैसला नेशनल पीपल्स कांग्रेस यानी एनसीपी की 14वीं बैठक में लिया गया है। इस बैठक में उन्हें चीन की कमान संभालने के लिए एक बार फिर चुना गया है। वहीं तीसरी बार राष्ट्रपति बनने वाले शी जिनपिंग की ताकत में और इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है।
शी जिनपिंग का कार्यकाल बढ़ा
दरअसल, चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने 5 मार्च को अपनी सालाना बैठक की शुरूआत कर दी थी, जो अभी भी जारी है। जिसमें सांसदों ने उन पर एक बार फिर विश्वास जताया है और फिर से जिनपिंग को चीन के राष्ट्रपति के लिए चुन लिया है। 10 मार्च की इस बैठक में शी जिनपिंग को कुछ विरोधियों का सामना करना पड़ा। नवंबर और दिसंबर के महिने में देश में लगे जीरो-कोविड पॉलिसी को लेकर चीनी अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंचा है। जिसके लिए कुछ सदस्यों ने उनका जमकर विरोध किया। लेकिन तमाम चुनौतियों को पार करते हुए एक बार फिर चीन की सत्ता पर जिनपिंग बैठ गए हैं।
शी का कार्यकाल क्यों बढ़ा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शी जिनपिंग का कार्यकाल बढ़ना तय था, क्योंकि उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सदस्यों ने शी जिनपिंग को चुना है। बता दें कि, आधुनिक चीन के इतिहास में सबसे ज्यादा चीन पर राज करने वाले शी जिनपिंग बन गए हैं। जबकि ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर इनके कार्यकाल में चीन और बेहतर करता है तो 69 वर्षीय शी जिनपिंग का कार्यकाल आगे भी लंबे समय तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
दुनिया की दूसरी ताकत है चीन
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि अमेरिका के बाद सबसे ताकतवार देशों में चीन का नाम शुमार है। आर्थिक तौर से लेकर तमाम मोर्चों पर इसकी ताकत दिनों रात बढ़ती ही जा रही है। विश्व की दूसरी महाशक्ति होने की वजह से चीन छोटे देशों पर अपनी धाक खूब जमाता है। हालांकि, देश में भयंकर कोरोना के मामलों में इजाफा होने की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है। शी जिनपिंग के नए नवले कार्यकाल में आर्थिक स्थिति को सुधार करने की एक बड़ी चुनौती रहने वाली है।
रक्षा पर पानी की तरह पैसा बहाएगा चीन
इस बैठक में चीन ने अपने रक्षा बजट में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की है। इस साल ड्रैगन 18 लाख करोड़ रूपये अपनी रक्षा पर खर्च करने वाला है। जो भारत से 3 गुना ज्यादा है। जबकि इस बैठक में चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने के लिए इस साल का लक्ष्य 5 फीसदी रखा गया है। माना जा रहा है कि रक्षा बजट में इजाफा करने के बाद चीन भारत से सटी सरहद पर सेना की हलचल बढ़ा सकता है।