संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पीएम मोदी क्यों याद आए? जानिए वजह
फिर बजा पीएम मोदी का डंका संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पीएम मोदी क्यों याद आए? जानिए वजह
- पीएम मोदी की तारीफ में मैक्रों ने पढ़े कसीदे
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं। विश्वभर के कई दिग्गज नेता पीएम मोदी के बयानों का भी समर्थन करने लगे हैं, चाहे वह आंतकवाद के खिलाफ हो या फिर युद्ध। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उनकी याद आ गई। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह वक्त युद्ध का नहीं है और उनकी यह बात एकदम सही थी।
गौरतलब है कि हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। उसी दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इस मौके पर पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान भी पुतिन से फोन पर पीएम मोदी ने बात की थी। अब यूएन में पीएम मोदी को याद कर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने शांति का समर्थन किया है और दुनिया को बताने का प्रयास किया है कि युद्ध से समस्या का समाधान संभव नहीं है।
पीएम मोदी की तारीफ में मैक्रों ने पढ़े कसीदे
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन में पीएम मोदी के उस बात का खुलकर समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है। यह दौर है कि सभी राष्ट्र एकजुट होकर हम सब के सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करें। दरअसल, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान यह बात कही थी।
मैक्रों ने रखी ये मांग
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि यह वक्त उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि खाद्यान, शिक्षा व जैव विविधता को लेकर भी समझौता की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि यह सोच सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि साझा हितों के लिए खास गठबंधन की जरूरत है।