कब थमेगा रूस यूक्रेन युद्ध ? रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों से त्रस्त हुआ यूक्रेन, जानिए पूरे सालभर यूक्रेन ने क्या क्या सहा?
ईयर एंडर 2022 कब थमेगा रूस यूक्रेन युद्ध ? रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों से त्रस्त हुआ यूक्रेन, जानिए पूरे सालभर यूक्रेन ने क्या क्या सहा?
- युद्ध की मार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से शुरू हुई जंग को 9 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन दोनों देशों के बीच पनपा तनाव अभी रूकने का नाम नहीं ले रहा है। कई देशों के बीच जारी बैठकों और बातचीत के बाद भी यूक्रेन में बमबारी गोलीबारी रूकने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ रूस दुनिया के तमाम प्रतिबंध झेल रहा है, वहीं यूक्रेन युद्ध की मार से कराह रहा है।
रूस ने पिछले हफ्ते यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर कई मिसाइल हमले किए। जिसके चलते यूक्रेन के खारकीव शहर में कई घंटे बिजली नहीं रही। जंग के दौरान यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों में भयंकर तबाही देखने को मिली । रूस ने ईरानी ड्रोन और मिसाइल हमले के जरिए यूक्रेन में भयावह हालात देखने को मिल रहे हैं। रूस ने यूक्रेन के ओडेसा शहर में ईरानी ड्रोन से ताजा हमला किया है। इस हमले से 15 लाख से अधिक लोगों के घरों में बिजली चली गई। यूक्रेनी लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। युद्ध के दौरान यूक्रेन में बिजली-पानी की कमी और सर्दियों ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया। एक तरफ जहां लोगों को घर से बाहर निकलने पर रूसी हमलों का डर है, वहीं घर के अंदर रहने पर बिजली-पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है।
इससे पहले ईरान ने रूस को ड्रोन सप्लाई करने के दावों से इंकार किया लेकिन ब्रिटेन रक्षा मंत्रालय ने मदद को लेकर आगे की संभावना से नकाराने की बात से साफ इन्कार कर दिया और कहा कि रूस के लिए ईरान सैन्य समर्थन बढ़ने की संभावना है, यहीं नहीं बैलिस्टिक मिसाइलों की संभावित डिलीवरी भी है। यूक्रेन समय समय पर रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों की बात अलग अलग मंच पर कहता रहा है, जबकि रूस इन हमलों को नकारता रहा लेकिन आपको बता दें तबाही सब कुछ बयान कर देती है।
युद्ध में रूस की तरफ से जारी हमलों में तबाह हुए बिजली सयंत्र को लेकर यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिम्हाल ने कहा है कि देश की बिजली व्यवस्था काम कर रही है और ऊर्जा सुविधाएं रूस के नवीनतम मिसाइल हमलों के बावजूद बरकरार हैं। यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली में स्थिति मुश्किल, लेकिन काबू में है।
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सेना ने 76 मिसाइलें दागीं और ड्रोन हमले किए, जिससे कम से कम नौ बिजली संयंत्रों को नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों ने बताया कि 37 लोगों को हवाई सुरक्षा से मार गिराया गया। 10 अक्टूबर से हमलों की आठवीं नई लहर शुरू होने के बाद से रूस ने 1 हजार से अधिक मिसाइलें और ईरान निर्मित हमले ड्रोन लॉन्च किए हैं, हालांकि उनमें से अधिकांश को हवाई सुरक्षा द्वारा रोक दिया गया है। नवंबर के मध्य में हुए सबसे बड़े हमले में 100 से अधिक मिसाइल और ड्रोन शामिल थे।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जारी जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात की। दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन संकट के साथ साथ मौजूदा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने पुतिन को जी-20 में भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी। दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग, व्यापार एवं निवेश, रक्षा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की। पीएम मोदी ने युद्ध का हल वार्ता कूटनीति से हल करने का आह्वान किया।
23 जून को यूरोपीय संघ के नेताओं ने यूक्रेन को संघ की सदस्यता के लिए एक उम्मीदवार के रूप में स्वीकार कर लिया। यूरोपीय आयोग ने परिग्रहण वार्ता शुरू करने के लिए यूक्रेन द्वारा पूरी की जाने वाली सात आवश्यकताओं को सामने रखा। यूक्रेन की संसद ने यूरोपीय संघ के साथ सदस्यता वार्ता शुरू करने के लिए जरूरी सभी कानूनों को अपना लिया है।
बेलारूस जल्द ही पुतिन की मदद के लिए यूक्रेन में युद्ध में शामिल हो सकता है। सेना के वाहनों पर कॉम्बैट चिन्ह पेंट किए जाने के बाद बेलारूस को जल्द ही यूक्रेन युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। डेली मेल के मुताबिक, स्टेट टीवी फुटेज में दिखाया गया। वर्तमान में गतिरोध में लड़ाई के साथ पुतिन के लिए सामरिक लाभ खुल सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मास्को को कीव में भेजे गए ड्रोनों की एक ताजा वेव के साथ युद्ध के मैदान पर अपनी सेना के साथ यूक्रेन की शक्ति और हीटिंग नेटवर्क पर लंबी दूरी के मिसाइल हमलों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
रूस के स्थायी प्रतिनिधि वैसिली नेबेंजिया ने कहा कि मास्को संघर्ष के कूटनीतिक समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के सुझावों को गंभीरता से ले रहा है और बातचीत करने को तैयार है। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि न तो यूक्रेन और न ही पश्चिमी देश राजनयिक समझौते में रुचि रखते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस और यूक्रेन व्यापार वार्ता में विफलता के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ऐसे में भारत ने कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करने की पेशकश की।
लंदन में हुए अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्की ने रूसी जवानों की पत्नियों पर यूक्रेन की महिलाओं के साथ रेप करने के लिए प्रोत्साहन करने का आरोप लगाया था। सम्मेलन में ओलेना ने कहा कि यौन हिंसा किसी पर प्रभुत्व साबित करने का सबसे क्रूर, सबसे खराब तरीका है ,और इस तरह की हिंसा के पीड़ितों के लिए, युद्ध के समय गवाही देना मुश्किल है, क्योंकि कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं करता है।
यूरोपीय संघ (ईयू) की परिषद ने युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए एक विशेष सैन्य मिशन शुरू किया। इस सहयोग में 15,000 यूक्रेनी सेना कर्मियों को प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी। ईपीएफ के तहत यूक्रेन के लिए यूरोपीय संघ की सहायता 3.1 बिलियन यूरो से अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में WWII ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।
यूक्रेन युद्ध में रूस को भी भारी क्षति का सामना करना पड़ा । इसके साथ ही यूक्रेन पर हमला करने के विरोध में दुनियाभर के देशों ने रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी। युद्ध के दौरान रूस ने काला सागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा ली।
माइक्रोसॉफ्ट ने 2023 में यूक्रेन के लिए नि: शुल्क प्रौद्योगिकी सहायता का विस्तार करने की बात कही। कंपनी महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा के साथ यूक्रेन का समर्थन कर रही है और यूक्रेन की सहायता करने और नागरिकों के खिलाफ युद्ध अपराधों को संबोधित करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों को डेटा और समर्थन प्रदान कर रही है।
रूस यूक्रेन युद्ध के100 दिन पूरे होने पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सैनिकों ने अब यूक्रेन के 20 फीसदी यानी 125,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया है, जो बेनेलक्स देशों के संयुक्त क्षेत्रफल से कई गुना अधिक है। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के लोग रूस के सामने झुकेगे नहीं , उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। हम किसी भी परिस्थिति में आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और यूक्रेन आक्रमणकारियों की संपत्ति नहीं बनेगा।
जंग के 50वें दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो देशों को खुली धमकी दी। पुतिन ने कहा अगर रूस यूक्रेन जंग में नाटो का कोई भी देश कूदता हैं और यूक्रेन की मदद करता हैं तो वह उन्हें बर्बाद कर देगा। इससे पहले रूस के 4 पड़ोसी देश पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपति यूक्रेन पहुंचे। उन्होंने वहां के हालातों का जायजा लिया और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को समर्थन देने का ऐलान किया।
रूस-यूक्रेन जंग के 43 वें दिन युद्ध में हो रही तबाही के चलते रूस को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार काउंसिल में सदस्यता से निलंबित किया गया।
युद्ध के शुरूआती दिनों में कई देशों के छात्र यूक्रेन में फंसे थे, इनमें भारत के भी हजारों छात्र शामिल थे, लेकिन भारत सरकार की सकुशल रणनीति और सहयोग से सभी भारतीय छात्रों की घर वापसी हुई थी।
वेस्टर्न देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए जिसके चलते रूस को तगड़ा झटका लगा है, रूस की करेंसी की वैल्यू में भारी गिरावट देखी जा रही है। पश्चिम देशों के साथ यूरोपीय संघ के द्वारा बने दबाव के कारण रूसी राष्ट्रपति ने न्यूक्लियर एटम को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए है, जिस पर अमेरिका और नाटो ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी।