Israel Election: क्या होगा नेतन्याहू का भविष्य ? नए PM के लिए वोटिंग जारी

Israel Election: क्या होगा नेतन्याहू का भविष्य ? नए PM के लिए वोटिंग जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-17 06:13 GMT
Israel Election: क्या होगा नेतन्याहू का भविष्य ? नए PM के लिए वोटिंग जारी
हाईलाइट
  • इजराइल में 6 महीने के अंदर दूसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं
  • इजराइल में आम चुनाव के लिए वोटिंग जारी
  • बेंजामिन नेतन्याहू की नजर फिर से इजरायल का पीएम बनने पर है

डिजिटल डेस्क, यरुशलम। इजरायल में आम चुनाव के लिए आज (मंगलवार) को वोट डाले जा रहे हैं। देश की जनता अपने नए प्रधानमंत्री के चयन के लिए आम चुनाव के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रही है। बेंजामिन नेतन्याहू की नजर इस बार रिकॉर्ड बनाने पर है। 6 महीने के भीतर दूसरी बार चुनाव कराया जा रहा है। यहां मतदान तब हो रहा है जब अप्रैल में हुए चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू अगर इस बार फिर जीत हासिल कर लेते हैं तो वो रिकॉर्ड पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनेंगे। 

बता दें कि हाल के दिनों में नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई बड़े आरोप लगे हैं। हालांकि, वो सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं। यह चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही, अगर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में उनकी वापसी होती है तो उन्हें कानूनी पचड़ों से भी राहत मिल सकती है। वहीं दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी का नेतृत्व करने वाले बेंजामिन नेतन्याहू के सामने पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गैंट्ज बड़ी चुनौती के रूप में मैदान में हैं। गैंट्ज ने इजरायल के पूर्व वित्त मंत्री और टीवी पर्सनालिटी यैर लापिड के साथ सेंट्रिस्ट ब्लू एंड वाइट गठबंधन का नेतृत्व किया।

अगर बता पिछले चुनाव की जाए तो आज से 6 महीने पहले हुए चुनावों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि नेतन्याहू सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने चाहते थे, लेकिन उनकी उम्मीदें उस समय टूट गई थी, जब सभी के लिए सेना में नौकरी को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए उनके सहयोगी दल एविग्डोर लिबरमैन ने उन्हें समर्थन देने से इन्कार कर दिया था। आम चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से 36 सीटों पर कब्जा किया था। जो बेनी गैंट्ज की ब्लू एंड वाइट पार्टी से एक अधिक थी। नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए जनादेश तो मिला, लेकिन गठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई और उन्होंने मई में संसद को भंग करा दिया। 

 

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