भारत को मिला अमेरिका का समर्थन, किया था हाफिज, मसूद को आतंकी घोषित
भारत को मिला अमेरिका का समर्थन, किया था हाफिज, मसूद को आतंकी घोषित
- अमेरिका ने कहा
- यह नया कानून भारत और अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के संयुक्त प्रयास को और मजबूती देगा
- अमेरिका ने हाफिज सहित 4 अन्य को आतंकी घोषित करने के भारत के कदम का समर्थन किया है
- भारत ने मसूद अजहर
- हाफिज सईद
- जकी-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकी घोषित किया था
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका ने मसूद अजहर सहित चार कुख्यात अपराधियों को आतंकी घोषित करने के भारत के कदम का समर्थन किया है। भारत ने बुधवार को मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान-लखवी, गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और पुलवामा हमले को अंजाम देने वाला जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साउथ-सेंट्रल एशियन विभाग की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि "हम भारत के साथ खड़े हैं और भारत के 4 खूंखार आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित करने के फैसले की सराहना करते हैं। यह नया कानून भारत और अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के संयुक्त प्रयास को और मजबूती देगा।"
We stand w/ #India commend it for utilizing new legal authorities to designate 4 notorious terrorists: Maulana Masood Azhar, Hafiz Saeed, Zaki-ur-Rehman Lakhvi Dawood Ibrahim. This new law expands possibilities for joint #USIndia efforts to combat scourge of terrorism. AGW
— State_SCA (@State_SCA) September 4, 2019
बता दें कि संसद के द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट एक्ट, 1967 में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दिए जाने के लगभग एक महीने बाद केंद्र सरकार ने चार कुख्यात अपराधियों को आतंकी घोषित करने का फैसला लिया था।
यूएपीए बिल के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है। इसके अलावा यह विधेयक सरकार को यह अधिकार भी देता है कि वह किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती है। हालांकि सरकार ऐसा तब ही कर सकती है जब..
व्यक्ति या संगठन का आतंक से जुड़े किसी भी मामले में सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट पाया गया हो। आतंकवाद की तैयारी या आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा हो।आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता हो। यूएपीए कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी असीमित अधिकार देता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा था कि आतंकवाद पर करारा प्रहार करने के लिए कड़े और बेहद कड़े कानून की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस कानून में संशोधन का विरोध कर रही है जबकि 1967 में इंदिरा गांधी की सरकार ही यह कानून लेकर आई थी।