युद्ध से यूक्रेन हुआ बेहाल, अमेरिका काट रहा जमकर चांदी, चीन भी हुआ मालामाल!
रूस यूक्रेन युद्ध युद्ध से यूक्रेन हुआ बेहाल, अमेरिका काट रहा जमकर चांदी, चीन भी हुआ मालामाल!
- हथियार बाजार में अमेरिका का कब्जा और भी बढ़ने की उम्मीद है।
डिजिटल डेस्क भोपाल। रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जंग जारी है। पूरी दुनिया इस जंग को लेकर चिंतित है। रूसी सेना ने अब यूक्रेन पर हमले तेज कर दिया है। दुनिया में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि कहीं दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर न बढ़ जाये। इस युद्ध में एक ओर नाटो देशों का सहयोग यूक्रेन को हथियार के रूप में मिल रहा है वहीं दूसरी ओर सैन्य शक्ति से संपन्न देश रूस है। इस युद्ध से 16 दिनों के अंदर ही कई देश अर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं। लेकिन हाल ही में कुछ ताजा रिपोर्ट की बात करें तो अमेरिका को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है। यही नहीं इस मामले में चीन भी पीछे नहीं है। ज्यादातर कमाई दोनों देशों सैन्य हथियार बेचकर कर रहे हैं।
अमेरिका
जानकार यह मानते हैं कि इस युद्ध का प्रमुख जिम्मेदार देश अमेरिका ही है। क्योंकि बिना किसी के सहयोग के यूक्रेन रूस से टक्कर नहीं लेता। लेकिन जब रूस की सेना ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की तो अमेरिका ने युद्ध में सेना भेजने से मना कर दिया। हालांकि एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका और नाटो देश मिलकर 17 हजार ऐंटी टैंक हथियार और 2000 स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें यूक्रेन भेज रहे हैं।
लेकिन इस जंग के शुरू होन के बाद अमेरिका की जमकर कमाई हो रही है। यूक्रेन पर रूसी सैन्य कार्रवाई से नाराज कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए है। जिससे रूस को बड़ा नुकसान हो रहा है वहीं इसका सबसे बड़ा फायदा अमेरिका के मिल रहा है। अमेरिका हथियार उद्योग के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। आपको बता दें पूरी दुनिया में 2016 से 2020 के बीच में बेचे गए हथियारों में अमेरिका ने 37 फीसदी हथियार बेचा था। और अब अमेरिका की कमाई में और भी इजाफा हो गया है। अमेरिकी रक्षा कंपनियां हथियारों की आपूर्ति करके अरबों डॉलर कमा रही हैं। माना जा रहा है कि अब हथियार बाजार में अमेरिका का कब्जा और भी बढ़ने की उम्मीद है।
कमाई के मामले में चीन भी शामिल
इस युद्ध से रूस को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। जिसका फायदा अन्य देशों को मिल रहा है। रूस की हथियार निर्माण की दुनिया में एक बड़ी हिस्सेदारी है लेकिन प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस अब कच्चे माल के लिए भारत और चीन पर निर्भर हो गया है। अमेरिका भारत पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसका फायदा चीन को मिल सकता है। क्योंकि भारत अमेरिका के दबाव में आकर रूस को कच्चा माल देने से पीछे हटता है तो चीन रूस से मंहगे दाम लेकर बड़ी रकम वसूल सकता है। जानकारों का मानना है कि इसके साथ ही चीन खाड़ी देशों में भी हथियार के व्यापार को बढ़ा सकता है।चीन को हाल ही में यूएई से एक बड़ा ऑर्डर मिला है।