ट्रंप के शासन में कोविड से जितनी मौतें हुईं, उतनी ही बाइडेन के नेतृत्व में भी हो चुकी हैं : रिपोर्ट

अमेरिका ट्रंप के शासन में कोविड से जितनी मौतें हुईं, उतनी ही बाइडेन के नेतृत्व में भी हो चुकी हैं : रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-16 17:00 GMT
ट्रंप के शासन में कोविड से जितनी मौतें हुईं, उतनी ही बाइडेन के नेतृत्व में भी हो चुकी हैं : रिपोर्ट
हाईलाइट
  • डेल्टा वैरिएंट के दौरान स्वास्थ्य प्रणाली चरमराती हुई नजर आई थी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में अब तक कोविड-19 से आठ लाख लोगों की मौत हुई है। इस बीच एक विश्लेषण से पता चला है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिकियों की मौत पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन काल के बराबर दर्ज की गई हैं। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, दुनिया में सबसे अधिक कोविड मामलों और मौतों की संख्या के मामले में अमेरिका सबसे आगे बना हुआ है। यहां अभी तक 50,374,099 कोविड मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 802,502 लोग संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके साथ ही अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित देश बना हुआ है। 19 जनवरी तक (ट्रंप का अपने कार्यालय में अंतिम पूरा दिन) दर्ज की गई 400,000 मौतों से आगे बढ़ते हुए अब यह आंकड़ा दोगुना हो चुका है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया स्पष्ट रूप से बेतरतीब थी और बाइडेन के शपथ ग्रहण के समय तक यह बीमारी व्यापक थी। हालांकि, बाइडेन भी वादे के अनुसार काम नहीं कर सके। जीवन रक्षक टीके के बावजूद - जो पहली बार दिसंबर 2020 में अमेरिका में उपलब्ध हुआ - 4 जुलाई तक वायरस से आजादी प्राप्त करने की प्रतिज्ञा के बावजूद, देश वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में व्याप्त हिचकिचाहट से जूझ रहा है। यही नहीं अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट के दौरान स्वास्थ्य प्रणाली चरमराती हुई नजर आई थी और संक्रमण रोकने के सरकार के प्रयास फीके नजर आए थे। सितंबर और अक्टूबर विशेष रूप से क्रूर थे, कुल मिलाकर 92,800 मौतों को रोका जा सकता था।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हाल के संपादकीय में लिखा है, ऐसा लगता है कि बाइडेन ने टीके, बेहतर उपचार और अधिक नैदानिक अनुभव के लाभ के बावजूद कोविड को हराने में डोनाल्ड ट्रंप से बेहतर कोई काम नहीं किया है। संपादकीय में कहा गया है, 2021 में पूरे 2020 की तुलना में अधिक अमेरिकियों की मौत हुई है। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डेटा से पता चला है कि बाइडेन के 10 महीनों के कार्यकाल में लगभग 353,000 लोगों की मौत हुई है, जबकि ट्रंप प्रशासन के अपने अंतिम 10 से अधिक महीनों में लगभग 425,000 लोगों की मौत हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकी तुलना की जाए तो समान अवधि में ट्रंप शासन के मुकाबले बाइडेन शासन के तहत अभी भी कम मौतें हुई हैं।

लेकिन जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों से पता चला है कि ट्रंप के 10 से अधिक महीनों के दौरान 425,000 मौतें दुनिया भर में होने वाली मौतों का लगभग 20 प्रतिशत हैं। वहीं दूसरी ओर, बाइडेन के पदभार संभालने के 10 महीनों के बाद, दुनिया में 30 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि अमेरिका में दुनिया भर में होने वाली मौतों के मुकाबले 12 प्रतिशत से भी कम मौतें दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा ट्रंप शासन से तुलनात्मक रूप से 19.9 प्रतिशत कम है। इस बीच, कई अध्ययनों से पता चला है कि वैक्सीन हिचकिचाहट को रोकने के लिए राज्यों द्वारा कोविड-19 की बेहतर प्रतिक्रिया से अमेरिका में सैकड़ों-हजारों मौतों को रोका जा सकता था।

डेली मेल ने बताया कि अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी कैसर फैमिली फाउंडेशन (केएफएफ) के एक हालिया विश्लेषण से पता चला है कि देश में 800,000 मौतों में से पांचवां हिस्सा संक्रामक बीमारी के खिलाफ टीकों से रोका जा सकता था। पिछले महीने ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के साथ, जो अब 77 देशों में फैल गया है, विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी खत्म नहीं हुई है और कोविड से अधिक लोगों की जान जाने की उम्मीद की जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार ओमिक्रॉन उस दर से फैल रहा है, जो किसी भी पिछले वैरिएंट के साथ नहीं देखा गया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने ओमिक्रॉन को कम करके आंकने के खिलाफ चेताया है। उन्होंने सावधान होने की अपील करते हुए कहा, हम चिंतित हैं कि लोग ओमिक्रॉन को हल्के में लेते हुए खारिज कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

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