अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तालिबान ने भारत से मांगी मदद, पाकिस्तान से बढ़ रही दुश्मनी
तालिबान को चाहिए भारत से सहारा अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तालिबान ने भारत से मांगी मदद, पाकिस्तान से बढ़ रही दुश्मनी
- भारत ने खाद्यान्न सामाग्री भेजकर अफगानी नागरिकों की मदद की थी।
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि उसकी पाकिस्तान के साथ खूब बनेगी। लेकिन मौजूदा स्थिति इससे बिल्कुल अलग है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर खटास पैदा हो गई है। पाकिस्तान इस वक्त सियासी संकट के बीच खराब अर्थव्यवस्था की मार झेल रहा है।वहीं अफगानिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत की तरफ आस लगाए देख रहा है। तालिबानी कब्जे के बाद भारत ने खाद्यान्न सामाग्री भेजकर अफगानी नागरिकों की मदद की थी।
अब अफगानिस्तान ने एक बार फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत से मदद मांगी है। यही नहीं उसने भारत के प्राइवेट सेक्टर से भी निवेश करने के लिए आग्रह किया है, ताकि इससे वहां के हालात में सुधार हो सके। कुछ दिनों पहले ही तालिबान के शहरी विकास मंत्री ने भारत की टेक्निकल टीम के हेड भारत कुमार से मुलाकात की है। तालिबान का मनना है कि भारत अफगानिस्तान के न्यू काबूल सिटी को बनाने में सहयोग करेगा। अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबानी कब्जे के बाद भारत ने अपने डिप्लोमैटिक रिलेशन बंद कर दिए थे।
हालांकि इस साल जून माह में भारत ने एक टेक्निकल टीम को काबुल भेजा था। यह टीम वहां पर विकास के काम कर रही है। यही नहीं पिछले दो दशक में भारत ने अफगानिस्तान में करीब 3 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है। भारत वहां मुख्य रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करता है। भारतीय कंपनिया वहां पर कई बड़े प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही थी, एक बार फिर उम्मीद की जा रही है कि बंद पड़े कामों को शुरू किया जा सकता है। भारत ने ही अफगानिस्तान का संसद भवन और हैरात में फ्रेंडशिप डैम भी बनवाया है। इसके अलावा काबुल में इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल और हबीबा हाई स्कूल को दोबारा बनवाया है। अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भारत ने अफगान नागरिकों के लिए पाकिस्तान के रास्ते माननवीय सहायता भेजी थी। इस समय अफगानिस्तान सरकार आर्थिक संकट का सामना कर रही है। यूएन के अनुसार, अफगानिस्तान में खाद्यान्न संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हजारों बच्चों को यहां पर भुखा सोना पड़ता है।
पाकिस्तान से नाराज तालिबानी
तालिबानी कब्जे के बाद पाकिस्तानी आईएसआई चीफ वहां की सरकार बनवाने के लिए अफगानिस्तान गए थे। तब से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के साथ संबध मजबूत होगें। लेकिन ऐसा हुआ नहीं सीमा विवाद के कारण तालिबान और पाकिस्तान की ज्यादा जम नहीं पाई। डुंरांड सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच दिन प्रतिदिन मतभेद बढ़ता चला जा रहा है। इसके आलावा कई ऐसे वीडियो भी सामने आए है, जिसमें तालिबनी लड़ाके अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तान के तार हटाते दिखाई दे रहे हैं।