स्टडी में दावा, रशियन वैक्सीन स्पुतनिक वी कोविड के नए वैरिएंटों के खिलाफ भी प्रभावी
स्टडी में दावा, रशियन वैक्सीन स्पुतनिक वी कोविड के नए वैरिएंटों के खिलाफ भी प्रभावी
- गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का रिसर्च पेपर 12 जुलाई को प्रकाशित हुआ
- रशियन-मेड स्पुतनिक वी वैक्सीन कोविड-19 के नए वेरिएंटों के खिलाफ भी प्रभावी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रशियन-मेड स्पुतनिक वी वैक्सीन कोविड-19 के नए वेरिएंटों के खिलाफ भी प्रभावी है। एक स्टडी में ये दावा किया गया है। रूस के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी का रिसर्च पेपर 12 जुलाई को एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के अनुसार, SARS-CoV-2 के नए वेरिएंट के खिलाफ स्पुतनिक V वैक्सीन की न्यूट्रलाइजिंग क्षमता का निर्धारण करने के लिए ये स्टडी की गई थी।
इस स्टडी की फाइंडिंग्स बताती है कि रूसी वैक्सीन नए वेरिएंट के खिलाफ प्रोटेक्टिव न्यूट्रलाइजिंग टाइटर्स प्रड्यूज करने में सक्षम है। इनमें अल्फा, बीटा, गामा और इससे भी महत्वपूर्ण डेल्टा संस्करण शामिल है। डेल्टा वैरिएंट को भारत में तबाही मचाने वाली कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर का जिम्मेदार माना जाता है। सोमवार को एक बयान में, आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा, दो शॉट वाली स्पुतनिक वी वैक्सीन कई अन्य टीकों की तुलना में वायरस के नए और घातक वैरिएंटों को खिलाफ ज्यादा असरदार है।
आरडीआईएफ ने गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्टडी की मैथोडोलॉजी पर एक बयान भी जारी किया। आरडीआईएफ के अनुसार, गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्टडी में स्पुतनिक वी वैक्सीन का इम्यून रिस्पॉन्स या वायरस-न्यूट्रलाइजिंग एक्टिविटी (VNA) शामिल है। स्टडी में लाइव वायरस का उपयोग किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वैरिएंट पर स्पुतनिक वी के इम्यून रिस्पॉन्स की तुलना SARS-CoV-2 के पैतृक B.1.1.1 या (C.37 या लैम्ब्डा) वैरिएंट से की। यह स्पुतनिक वी की दो डोज के साथ वैक्सीनेशन के बाद व्यक्तियों के सीरा (ब्ल्ड सीरम) प्राप्त करके किया गया था।
आरडीआईएफ के अनुसार, नए वैरिएंटों के खिलाफ स्पुतनिक वी की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी कोविड-19 के नए स्ट्रेन का सक्रिय रूप से अध्ययन कर रहा है। आरडीआईएफ के अनुसार, स्पुतनिक वी वैक्सीन को 67 देशों में रजिस्टर किया गया है। भारत में भी इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।