सेवरोडोनेटस्क शहर के आधे से ज्यादा भाग पर रुसी सेना का कब्जा, गोला बारुद की कमी से जूझ रही यूक्रेनी सेना, जेलेंस्की को हथियारों के लिए जी-7 देशों से उम्मीद
रुस यूक्रेन युद्ध सेवरोडोनेटस्क शहर के आधे से ज्यादा भाग पर रुसी सेना का कब्जा, गोला बारुद की कमी से जूझ रही यूक्रेनी सेना, जेलेंस्की को हथियारों के लिए जी-7 देशों से उम्मीद
- रुस अगर सेवरोडोनेटस्क शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लेती है तो उसकी पकड़ पूर्वी यूक्रेन पर मजबूत हो जाएगी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रुस और यूक्रेन के बीच बीते113 दिनों से युद्ध जारी है। इस दौरान रुस यूक्रेन के कई इलाकों पर अपना नियंत्रण कर चुका है। हाल के दिनों में पूर्वी यूक्रेन का सेवरोडोनेटस्क शहर दोनों देशों के बीच युद्ध का मुख्य केन्द्र रहा। यहां के 70 फीसदी इलाके पर रुसी सेना कब्जा हो चुका है। यूक्रेनी सेना ने हथियारों की कमी के कारण इस क्षेत्र से अपना नियंत्रण खो दिया है। रुस अगर सेवरोडोनेटस्क शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लेती है तो उसकी पकड़ पूर्वी यूक्रेन पर मजबूत हो जाएगी।
शहर का संपर्क मार्ग किया ध्वस्त
सेवरोडोनेटस्क शहर तक पहुंचने के लिए यूक्रेनी सेना जिस ब्रिज का उपयोग करती थी। वह ब्रिज रुसी सेना ने तोड़ दिया है। जिस वजह से यूक्रेनी सैनिकों को हथियारों व अन्य जरुरी चीजों की सप्लाई नहीं हो पा रही है। कहा जा रहा है कि शहर में बड़ी संख्या में यूक्रेनी सैनिक मौजूद हैं। इन सैनिको को रुसी सेना ने भारी गोला बारी करके शहर के बाहरी हिस्से की तरफ धकेल दिया है।
आधे से ज्यादा लोग छोड़ चुके शहर
युद्ध से पहले सेवेरोडोनेटस्क शहर की आबादी लगभग 1 लाख थी, जो अब 12 हजार बची है। खबरों के अनुसार, 500 से ज्यादा नागरिक अजोट रासायनिक संयंत्र में शरण लिए हैं, जिन पर रुसी सेना लगातार हमला कर रही है। वहीं शहर का संपर्क टूट जाने से लोगों को आवाश्यक सामग्री की आपूर्ती भी नहीं हो पा रही है।
इस शहर पर नियंत्रण के लिए रुसी सेना ने अपने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। रुसी हमले से शहर में जान-माल का भारी नुकसान हुआ, जिसे देखते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस शहर को मृत शहर तक कह दिया था।
जेलेंस्की को जी-7 से सहयोग की उम्मीद
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को इसी महीने के अंतिम दिनों में होने वाली जी-7 देशों की मीटिंग से काफी उम्मीदें हैं। जेलेंस्की को आशा है कि इस ग्रुप के द्वारा यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ती पर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। बता दें कि बीते दिनों फ्रांस, जर्मनी व इटली के विदेश मंत्रियों के बीच यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने को लेकर मीटिंग भी हो चुकी है।