कर्ज से उबारने के लिए पाकिस्तान को जिन बिजनेस घरानों पर था भरोसा, देश छोड़ कर भाग गए वो सभी अमीर परिवार, दाने दाने को मोहताज हुए आम लोग
अब क्या करेगा 'पाक'? कर्ज से उबारने के लिए पाकिस्तान को जिन बिजनेस घरानों पर था भरोसा, देश छोड़ कर भाग गए वो सभी अमीर परिवार, दाने दाने को मोहताज हुए आम लोग
- पाकिस्तान की अवाम महंगाई की मार झेल रही है।
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर है। यह अपने आप को कभी भी दिवालिया घोषित कर सकता है। पाक में खाद्य सामानों की स्थिति बेहद खराब है। पाक अवाम अपनी जरूरत की चीजों के लिए दर-दर भटक रही है। देश में खाद्य सामानों की कीमत आसामान छू रही है। पिछले कई दिनों से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान टक टकी लगाए हुए था कि उसे बेलाआउट पैकेज मिल जाए। लेकिन पाक को अंत में निराशा ही हुई और आईएमएफ बिना राहत पैकेज दिए हुए वापस चला गया। बता दें कि, पाकिस्तान पूरी दुनिया से कर्ज ले चुका है। पाक के उपर अभी करीब 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रूपये का कर्ज है। यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है।
शहबाज को आईएमएफ पर है भरोसा
पाकिस्तान पर सबसे ज्यादा चीन का कर्ज है। पाक का संबंध जिस भी देशों से बेहतर है वह सभी से पहले ही कर्ज ले चुका है। जबकि आईएमएफ भी कर्ज देने से अभी बच रहा है। पाक को भरोसा है कि आईएमएफ उसे इस आर्थिक हालात से बाहर निकालेगा। पिछले दिनों पाक की शहबाज सरकार ने मीडिया से बातचीत करते समय कहा था, हमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पर भरोसा है कि वो हमारे परिस्थिति को समझते हुए हमारी मदद करेंगे। हमारी अवाम बहुत ही मुश्किलों में है।
उम्मीद की किरण ढूढ़ रही है अवाम
पाकिस्तान की अवाम महंगाई की मार झेल रही है। सुबह-सुबह उठ कर लोग यही आशा कर रहे हैं कि खाद्य सामानों के दामों में गिरावट हो लेकिन उनकी उम्मीद दुकान के पास जाकर टूट जाती है। पाक मीडिया के मुताबिक, पाक में खाने पीने की चीजों की महंगाई और किल्लत के पीछे बड़ी वजह नकदी की कमी है। जिसकी वजह से रोटी, सब्जी, घी, तेल, दूध के दाम आसामान छू रहे हैं। आलम यह है कि महंगाई की वजह से लोग बाजार में कम ही दिखाई दे रहे हैं। जो लोग दिख भी रहे हैं वो अमीरों के श्रेणी में आते हैं।
अचानक बढ़े इन चीजों के दाम
- पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल के दाम में अचानक 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।
- बिजली के दाम में भी इजाफा किया गया है। अब पाक अवाम को एक यूनिट बिजली खर्च करने के लिए 8 रूपये देने होंगे।
- सरकार ने पाक कारोबारियों को मिलने वाली सब्सिडी बंद करने का एलान कर दिया है। जिसके बाद से व्यापारी लोग शहबाज सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं।
- पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 2.75 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
- पाक की महंगाई दर 27 प्रतिशत के पार हो चुकी है। जिसकी वजह से जनता को भारी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रह है।
- डॉलर के मुकाबले पाक की करेंसी 25 फीसदी लुढ़क गई है।
पाक को ये देश देंगे कर्ज
बता दें कि, पाकिस्तान को चीन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से 3.5 अरब डॉलर का कर्ज मिलने वाला है। अगर ये कर्ज पाक को अब नहीं मिला तो इसकी स्थिति बेहद खराब देखने को मिल सकती है। पाकिस्तान चाहेगा कि उसे इन देशों से जल्द ही राहत पैकेज मिल जाए। ताकि देश को आर्थिक संकट से बचाया जा सके।
पाकिस्तान की दयनीय स्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी देश को छोड़ कर जा रहे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो साल 2022 में 8 लाख से ज्यादा लोगों ने देश को अलविदा कह दिया। जो साल 2016 के बाद से सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं साल 2021 की तुलना में इस साल देश छोड़ने वाले पाकिस्तानियों की संख्या में लगभग 200 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
पाक अवाम पर शहबाज सरकार का टैक्स बम
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने आम से लेकर खास लोगों की भी कमर तोड़ दी है। पाक को दिवालिया होने से बचाने के लिए शहबाज शरीफ सरकार ने टैक्स लगाकर और सब्सिडी खत्म करके 170 अरब रूपये जुटाने का एलान किया था। लेकिन पाक के राष्ट्रपति ने शहबाज सरकार के इस अध्यादेश को मानने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद शहबाज सरकार ने तुरंत फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू की ओर से अधिसूचना जारी करके पाक अवाम पर नया टैक्स बम फोड़ दिया।
जनता हुई लचार
- सरकार ने जीएसटी की दर में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है।
- लग्जरी सामानों पर 25 फीसदी का टैक्स लगाया गया है।
- सिगरेट पर 153 फीसदी का टैक्स लागू कर दिया गया है।
- कोल्ड ड्रिंक्स पर 20 फीसदी, मोबाईल फोन पर 25 फीसदी का टैक्स बढ़ाया गया है।
- टैक्स देने वाले लोगों से सरकार 10 फीसदी और एक्स्ट्रा टैक्स वसूल रही है।
रेटिंग पहले से भी खराब मिली
आर्थिक हालात से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए अमेरिका की रेटिंग एजेंसी फिच ने भी पाक को झटका दिया है। एजेंसी ने पहले से ही पाक को खराब रेटिंग दी थी। लेकिन एक बार फिर उसे पहले से और खराब रेटिंग दी है। पाक को फिच ने सीसीसी प्लस से सीसीसी माइनस की कैटेगरी में रेटिंग दी है। इस रेटिंग के बाद पाक के दिवालिया होने को एक अलार्म के रूप में देखा जा रहा है।
अगर पाक की स्थिति जस के तस बनी रहती है तो वह अपने आप को दिवालिया घोषित कर सकता है। अगर वह अपने आप को नियंत्रण नहीं कर पाता है तो वह दिन दूर नहीं जब पाक की अवाम एक रोटी के लिए तरसती हुई दिखाई देगी।