श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान, ऊर्जा के साथ अब गहराया अनाज संकट, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

महंगाई से बेहाल पाक श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान, ऊर्जा के साथ अब गहराया अनाज संकट, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-05 08:14 GMT
श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान, ऊर्जा के साथ अब गहराया अनाज संकट, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
हाईलाइट
  • सरकार के इस प्लान का देश की जनता से लेकर ट्रेड यूनियन ने विरोध करना शुरू कर दिया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान में ऊर्जा संकट के बाद अब अनाज का संकट भी गहराने लगा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में गेहूं की कमी हो गई है। राजधानी इस्लामाबाद में स्थित 40 आटा मिले अपनी खपत के मुताबिक उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। यहां के मिलों की खपत 38 हजार बैग प्रति दिन है जिसमें वर्तमान में 17 बैगों की कमी देखी जा रही है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो लोगों को आने वाले दिनों में ब्रेड और रोटियों के भी लाले पड़ जाएंगे। 

अखबार के मुताबिक देश में बढ़ रहे खाद्य संकट के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्री बशीर चीमा ने राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हम राज्यों को उनकी डिमांड के मुताबिक सप्लाई कर रहे हैं लेकिन कालाबाजारी के चलते लोगों तक इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। 

गैस सिलेंडर के लिए तरस रहे लोग

आर्थिक बदहाली के चलते देश में ऊर्जा संकट भी बढ़ गया है। यहां के लोग गैस सिलेंडर के तरस गए हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लोग एक सिलेंडर के लिए 10 हजार रूपये तक चुका रहे हैं। कई जगह तो हालात इतने बदतर हैं कि लोगों को प्लास्टिक की थैली में गैस भरवानी पड़ रही है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार ऊर्जा संकट को देखते हुए लोगों ने गैस सिलेंडरों की जमाखोरी भी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री  शहवाज शरीफ ने भी यह बात कबूली है कि सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं है कि दूसरे देशों से हम तेल और गैस खरीद सकें।

बिजली की बचत के लिए बनाए सरकार के प्लान को जनता ने किया नामंजूर

गैस सिलंडरों की कमी के साथ पाकिस्तान में बिजली संकट भी चरम पर है। बिजली की कमी के चलते हर वर्ग कई परेशानियों का सामना कर रहा है। देश में बिजली का संकट कितना बड़ा है यह जताने के लिए सरकार ने 4 जनवरी को कैबिनेट की बैठक बिना रोशनी के की। इस बैठक में सरकार ने ऊर्जा संकट से उबरने के लिए एक प्लान बनाया। जिसके मुताबिक अधिक बिजली की खपत करने वाले पंखों का उत्पादन जुलाई से बंद होगा। इससे करीब 2200 करोड़ बचाने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा सरकार के प्लान में शादी हॉल्स को रात 10 बजे तक बंद करने, एक फरवरी के बाद केवल LED बल्बों का इस्तेमाल करने, सरकारी विभागों में 30% बिजली बचाने और बाजार रात 8:30 बजे तक ही खोलने के निर्देश शामिल हैं। सरकार ने अपने प्लान में यह भी कहा कि 30 जून तक देश में हर रोज 3.5 घंटे बिजली कटौती की जाएगी। 

वहीं सरकार के इस प्लान का देश की जनता से लेकर ट्रेड यूनियन ने विरोध करना शुरू कर दिया है। राजधानी इस्लामाबाद में ट्रेड यूनियन के लोगों ने सरकार के फरमान को न मानने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही कराची में आम लोगों द्वारा इस सरकारी प्लान के विरोध में प्रदर्शन किया गया।  

बताया जा रहा है कि देश में चल रहे बिजली संकट की वजह तेल की कमी है। दरअसल, यहां के पॉवर प्लांटों में बिजली तेल के जरिए पैदा की जाती है और तेल विदेश से आयात होता है। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते पाकिस्तान विदेश से तेल आयात नहीं कर पा रहा है।  

श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान

पाकिस्तान में अगर यही हालात रहे तो जल्द ही उसकी स्थिति श्रीलंका जैसी हो जाएगी। जहां पिछले साल भारी महंगाई और खराब अर्थव्यवस्था के बीच अनाज व ऊर्जा संकट देखने को मिला था। बुनियादी चीजों की कमी से जूझते देश के नागरिकों ने तब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर भारी विरोध प्रदर्शन किया था। यहां तक की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया था। 

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