आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ी, देश के तीन बड़े एयरपोर्ट्स को कतर के हवाले करने की तैयारी में जुटे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ
कंगाली की कगार पर पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ी, देश के तीन बड़े एयरपोर्ट्स को कतर के हवाले करने की तैयारी में जुटे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ
- पाकिस्तान के पास अगले तीन हफ्ते तक ही आयात के लिए कैश जमा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब अपने खजाने को भरने के लिए नई तरकीब अपनाई है। इसके लिए पाकिस्तान आगामी गुरुवार को तीन प्रमुख हवाई अड्डों और जमीनों की आउटसोर्सिंग शुरू करेगा। साथ ही अब इन सभी को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाया जाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान का यह कदम देश की बीमार अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जुटाने में मदद करेगा। माना जा रहा है कि आईएमएफ से कर्ज नहीं मिलने के बाद पाकिस्तान को यह कदम उठाना पड़ा। चीन समेत कुछ देश पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं, लेकिन यह उसके लिए पर्याप्त नहीं है।
गौरतलब है कि, इस आउटसोर्सिंग के लिए पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक के इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन को सलाहकार के रूप में शामिल किया है। इस बात की जानकारी पाकिस्तान वित्त मंत्रालय के बयान से मिला है। बयान के मुताबिक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप स्कोप के तहत देश के तीन एयरपोर्ट्स की आउटसोर्सिंग प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए निजी निवेशकों और एयरपोर्ट संचालकों को प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी व्यवस्था के साथ जोड़ा जाएगा। हालांकि, इस मामले में अभी तक पार्टनरशिप या किसी तरह के समझौते की बात सामने नहीं आई है।
कंगाली की राह पर पाकिस्तान
इस वक्त पाकिस्तान इस्लामाबाद, कराची और लाहौर एयरपोर्ट्स को चलाने के लिए कतर के साथ बातचीत करने का प्रयास कर रहा है। पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने देश में ऊर्जा और एविएशन सेक्टर में निवेश करने के लिए दोहा का दौरा किया था। इस दौरान कतर की ओर से पाकिस्तान में 3 बिलियन डॉलर के निवेश की बात कही गई थी। पाकिस्तान इसके लिए भी लगातार प्रयास कर रहा है।
बदहाली की हालात से गुजर रहा पाकिस्तान एविएशन इंडस्ट्री भी संघर्ष कर रहा है। पाकिस्तान इस वक्त करीब 300 अरब रुपए के घाटे से जूझ रहा है। वहां के नागरिक कैश पेमेंट के मामले में भी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। पाकिस्तान के पास सिर्फ अगले तीन हफ्ते तक ही आयात के लिए कैश जमा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। शायद पाकिस्तान की यह नई तरकीब उन्हें कंगाली की राह से वापस लाने में मदद करे।