पाकिस्तान ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने के लिए बनाया लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन
बड़ा खुलासा पाकिस्तान ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने के लिए बनाया लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन
- पाक खुफिया एजेंसी ने लश्कर ए मुस्तफा नाम का बनाया था आतंकवादी संगठन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच में पाया है कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने लश्कर ए मुस्तफा (एलईएम)नाम का आतंकवादी संगठन बनाया था। एनआईए के सूत्र ने बताया यह मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती उर्फ अब्दुल रऊफ की योजना थी।
उसने लश्कर-ए-मुस्तफा बनाया और हथियारों की तस्करी के नाम पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों को भर्ती किया एवं बाद में उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया। आईएसआई जैश-ए-मोहम्मद को पूरा समर्थन दे रही थी और लश्कर-ए-मुस्तफा को पूरी तरह से नियंत्रित कर रही थी। यह सब अंतरराष्ट्रीय दबाव को हटाने के लिए ऐसा किया गया था।
सूत्र ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह यह दिखाना चाहते थे कि हमले के पीछे एलईएम था और भारतीय इसी के लिए काम कर रहे थे। यही कारण था कि उन्होंने यह नया संगठन बनाया और हथियारों की तस्करी के बहाने भारतीयों को भर्ती करना शुरू कर दिया। इसमें विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और जम्मू से लोगों को भर्ती किया गया था। उन्हें बिहार, पंजाब और हरियाणा के रास्ते जम्मू में हथियारों की तस्करी करने के का काम सौंपा गया था।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले में शामिल अल्लाह मालिक उर्फ हसनैन एलईएम का नेतृत्व कर रहा था और वह मौलाना मसूद अजहर के सीधे संपर्क में था। एनआईए ने शनिवार को लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) के चार आतंकियों मोहम्मद अरमान अली उर्फ अरमान मंसूरी, मोहम्मद अहसानुल्लाह उर्फ गुड्डू अंसारी, इमरान अहमद हाजम और इरफान अहमद डार के खिलाफ देश भर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।
यह पूरक आरोप पत्र जम्मू -कश्मीर में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121ए और 122, शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1एए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4, और अवैध गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 18 और 23 के तहत दायर किया गया था।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मामला लश्कर-ए-मुस्तफा के आतंकियों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने से संबंधित है।
एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि इन चारों आरोपियों ने लश्कर-ए-मुस्तफा आतंकवादी समूह के लिए पंजाब और हरियाणा के रास्ते बिहार से जम्मू-कश्मीर तक हथियार खरीदने ,उन्हें हासिल करने तथा लाने की साजिश रची ताकि जम्मू- कश्मीर, खासकर जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।
अधिकारी ने बताया कि शुरू में इस संबंध में जम्मू जिले के गंग्याल थाने में मामला दर्ज किया गया था लेकिन बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद मामला दोबारा दर्ज किया था। एनआईए ने अगस्त 2021 में गहन जांच करने के बाद छह आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आरोप पत्र दायर किया। बाद में इस मामले की जांच जारी रही और पूरक आरोप पत्र दायर किया गया। एनआईए अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है।
(आईएएनएस)