दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं बना सकी जगह, IITS की रैंकिंग बढ़ी फिर भी पहले सौ में जगह बनाना हुआ मुश्किल
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं बना सकी जगह, IITS की रैंकिंग बढ़ी फिर भी पहले सौ में जगह बनाना हुआ मुश्किल
- अमेरिकी की कुल-8 यूनिवर्सिटी टॉप-20 में शामिल
- टॉप-200 रैंकिंग में भारत के चार आईआईटी
- भारत की सात यूनिवर्सिटी ने पहली बार लिस्ट में बनाई जगह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी ने जगह नहीं बना पाई। भारतीय शिक्षण संस्थाओं ने एक बार फिर से निराश किया है। जबकि अमेरिका की मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को शीर्ष रैकिंग में प्रथम स्थान मिला है।
दूसरे नंबर पर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, तीसरे पर स्टैनफोर्ट यूनिवर्सिटी, चौथे पर ऑक्सफोर्ड और पांचवे स्थान पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी काबिज है। डीएनए हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंपीरियल कॉलेज लंदन और शिकागो यूनिवर्सिटी को भी टॉप-10 में जगह मिली है। अमेरिकी की कुल-8 यूनिवर्सिटी टॉप-20 में शामिल हैं।
IISc बेंगलुरू ने IITs को पछाड़ा
भारतीय संस्थानों के मामले में IISc बेंगलुरू ने पिछले साल की तुलना में 31 रैंक की सुधार कर इस बार QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 155वीं रैंक हासिल की है। आईआईएससी बेंगलुरू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को पीछे छोड़ते हुए अपना परचम लहराया है। हालांकि टॉप-100 रैंक में एक भी भारतीय विश्वविद्यालय ने जगह नहीं बना पाई है।
टॉप-200 रैंकिंग में भारत के चार आईआईटी
गौरतलब है कि गुरूवार को दुनियाभर के कई देशों के सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की गई है। जिसमें भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू को दक्षिण एशिया का सबसे तेजी से उभरता हुआ संस्थान बताया गया है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के कई IITs ने भी दुनिया के शीर्ष 200 यूनिवर्सिटीज में जगह बनाई है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे ने 172 रैंक हासिल की है।
रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे को भारत का दूसरा सबसे अच्छा शिक्षण संस्थान बताया गया है। जबकि आईआईटी दिल्ली ने 11 पायदान ऊपर चढ़कर 174वां स्थान हासिल किया है। IIT-कानपुर ने अब तक सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल कर 13 पायदान ऊपर चढ़कर सर्वश्रेष्ठ 264वां स्थान हासिल किया है। जबकि IIT-रुड़की 31 स्थानों की छलांग लगाते हुए 360वां रैंक हासिल किया है।
भारत की इतनी यूनिवर्सिटी ने बनाई पहली बार जगह
भारत की सात यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में पहली बार जगह बनाने में कामयाब रही। इस सूची में आईआईटी इंदौर को 396 वां स्थान मिला है। उधर ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय लगातार तीसरे साल सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली निजी यूनिवर्सिटी है। कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालय को क्यूएस रैंकिंग में स्थान मिला है। जिनमें 12 की रैंकिंग में सुधार हुआ है,12 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ तथा 10 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में कमी आई है।
क्यूएस रैंकिंग के मुताबिक, 13 भारतीय यूनिवर्सिटीज ने अपने शोध में काफी सुधार किया है। वहीं देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की क्यूएस रैंकिंग में गिरावट आई है। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को इस बार क्यूएस रैंकिंग की सूची में 521-530 स्थान की श्रेणी में रखा गया है, जबकि पिछली बार इसे 501-510 स्थान की श्रेणी में रखा गया था।
इन विश्वविद्यालय की रैंकिंग में आई गिरावट
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में जेएनयू को इस बार 601-650 श्रेणी में रखा गया है। जबकि पिछली बार इसे 561-570 के बीच श्रेणी में रखा गया था। इससे साफ है कि अबकी बार जेएनयू विश्वविद्यालय की रैंकिंग में काफी गिरावट आई है। जामिया मीलिया इस्लामिया को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 801-1000 स्थान की श्रेणी में रखा गया है, जबकि पिछली बार इसे 751-800 स्थान की श्रेणी में रखा गया था।
इसके अलावा जामिया हमदर्द को क्यूएस रैंकिंग की सूची में 1201-1400 के बीच की श्रेणी में रखा गया है। आईआईटी- भुवनेश्वर, हैदराबाद विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है। देश के इन विश्वविद्यालयों की में रैंकिंग में आ रही गिरावट चिंताजनक मानी जा रही है।
क्या है क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग?
गौरतलब है कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग का काम दुनियाभर के संस्थानों की विषयवार रैंकिंग की कई सूचियों का संकलन करना है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग विषय द्वारा प्रतिवर्ष संकलित की जाती है ताकि संभावित छात्रों को किसी विशेष विषय में अग्रणी विश्वविद्यालयों की पहचान करने में मदद मिल सके।