पाकिस्तानी अवाम को छोड़ पीएम शहबाज शरीफ हुए सांसदों पर मेहरबान, सुख-सुविधा पर बहाए जाएंगे पानी की तरह करोंड़ो रूपये
कंगाली की राह पर पाकिस्तान पाकिस्तानी अवाम को छोड़ पीएम शहबाज शरीफ हुए सांसदों पर मेहरबान, सुख-सुविधा पर बहाए जाएंगे पानी की तरह करोंड़ो रूपये
- पाकिस्तान की महंगाई दर 24.5 फीसदी तक पहुंच गई है
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान कंगाली के राह पर है। लेकिन स्थिति आर्थिक तौर पर खराब होने पर भी यह संभलते हुए नहीं दिखाई दे रहा है। पाक में खाद्य साम्रगी के लाले पड़े हुए हैं। देश में जरूरी मूलभूत सेवाओं की कीमत में भारी इजाफा हुआ है। जिसकी वजह से अवाम को खाने-पीने की वस्तुओं से दो-चार होना पड़ रहा है। पिछले दिनों ही पाकिस्तान की न जाने कितनी वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थी। जहां लोग आटे के लिए आपस में लड़ रहे थे।
पाकिस्तान में हालात इतने खराब हुए हैं कि आटे के बोरी लेने के लिए लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ जा रहे हैं। पाक के सिंध प्रांत और खैबर पख्तुनखवा में कई लोगों की मरने की भी खबर आ चुकी है। बावजूद इसके शहबाज सरकार अवाम की चिंता न करते हुए पाकिस्तान के सांसदों और देश के जजों का ख्याल रखते हुए दिखाई दे रहे है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाक सरकार ने सांसदों के बजट में 90 अरब पाकिस्तानी रूपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। इसके अलावा जजों के लिए करोड़ों रूपये भी आंवटित किए गए हैं।
पानी की तरह बहाए जाएंगे पैसे
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की इकोनॉमी पूरी तरह से चरमरा गई है। लेकिन पाक सांसदों की इधर बल्ले-बल्ले हो गई है। भले ही अवाम गैस, दूध, आटा, चावल, गैस, पानी जैसे तमाम मूलभूत जरूरतों के लिए तरस रही है। लेकिन सरकार उनके लिए कोई काम करती हुई नहीं दिखाई दे रही। बिगड़ते हालात के बीच पाक सरकार के फैसले ने सबको हैरान कर दिया है। आर्थिक हालात खराब होने पर भी शहबाज सरकार ने सांसदों के विवेकाधीन खर्च को 90 अरब पाकिस्तानी रुपयों तक बढ़ा दिया है। वहीं जजों के आवासों के नवीकरणीय के लिए सरकारी खजाने से 844.4 करोड़ रूपये भी आवंटित कर दिए हैं। सरकार के इस फैसले की खूब आलोचना हो रही है।
पाक पीएम को कर्ज मांगने में आती है शर्म?
पिछले दिनों नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी ने सांसदों का विवेकाधीन खर्च बढ़ाने की सिफारिश की थी। जिसके बाद पाक सरकार ने यह फैसला लिया है। पाकिस्तान की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है, लेकिन सरकार आंतरिक हालात न देखकर अपने सांसदों और जजों की सुख-सुविधा पर पैसे पानी की तरह बहाने के लिए तैयार हो गई है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब होते हुए साफ देखा जा सकता है। पाक पर श्रीलंका की तरह ही डिफॉल्ट का खतरा मंडरा रहा है। पाक पीएम शहबाज शरीफ देश में आर्थिक विपदा से बचने के लिए अमेरिका और यूएई समेत कई देशों से मदद की गुहार लगा चुके हैं। हालही में इनका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें सेना से शहबाज शरीफ कहते हुए दिखाई दिए थे कि, मुझे यूएई से कर्ज मागंने में शर्म आ रही थी। एक एटमी मुल्क होने के नाते यह हमारे लिए बड़ी शर्म की बात है। इस बयान के आने के बाद पीएम शहबाज मीडिया में खूब छाए रहे थे।
सरकार की कमेटी ने लिया फैसला
दरअसल, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में यह पूरी बैठक हुई है। बैठक में मौजूद कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समीति ने सांसदों और जजों पर कहा कि, देश की सुप्रीम कोर्ट भवन, जजों के आवास-विश्राम समेत अन्य सरकारी कार्योलयों का कायाकल्प करने के लिए 844.4 करोड़ रूपये को आवंटित किया गया है। गौरतलब है कि, इसी कमेटी पर देश को डिफॉल्ट से बचाने की जिम्मेदारी भी है। इसलिए कमेटी और सरकार के इस फैसले की चारों तरफ चर्चा हो रही है।
महगांई दर 25 फीसदी के करीब पहुंचा
पाकिस्तान की आर्थिक हालात की खबर किसी से छुपी नहीं है। कई बार पीएम शहबाज शरीफ स्वीकार कर चुके हैं कि हमारी स्थिति बहुत ही दैनिय है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने के कगार पर है। यह दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। मौजूदा समय में महज 4.1 बिलियन डॉलर रह गया है। वहीं मुल्क की महंगाई दर 24.5 फीसदी तक पहुंच गई है। जिसकी वजह से पाकिस्तान में सामानों की कीमत में भारी इजाफा हुआ है और जनता को एक वक्त की रोटी के लिए भी यहां वहां भटकना पड़ रहा है।