कुलभूषण जाधव को मिला कॉन्सुलर एक्सेस, डिप्टी हाई कमिश्नर ने की मुलाकात
कुलभूषण जाधव को मिला कॉन्सुलर एक्सेस, डिप्टी हाई कमिश्नर ने की मुलाकात
- कुलभाषण जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं
- पाकिस्तान ICJ के जजमेंट के तहत सोमवार को जाधव का कॉन्सुलर एक्सेस भारत को देगा
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से आज (2 सितंबर) भारतीय राजनयिक ने मुलाकात की। तीन साल बाद जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मिला है। भारत के डेप्युटी हाई कमिशनर गौरव अहलूवालिया जाधव से मिलने के लिए पहले इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के दफ्तर पहुंचे। उसके बाद उन्होंने जाधव से मुलाकात की। हालांकि सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें अज्ञात जगह पर जाधव से मिलना पड़ा।
Pakistan: The meeting between India"s Deputy High Commissioner to Pakistan, Gaurav Ahluwalia and #KulbhushanJadhav begins. pic.twitter.com/nSqHGFF0nO
— ANI (@ANI) September 2, 2019
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने मुलाकात के लिए 2 घंटे का समय दिया है। भारत ने उम्मीद जताई है कि अच्छे माहौल में मुलाकात संभव बनाने के लिए पाकिस्तान से सहयोग मिलेगा।
Pakistan: India"s Deputy High Commissioner to Pakistan, Gaurav Ahluwalia has reached Ministry of Foreign Affairs, to meet #KulbhushanJadhav pic.twitter.com/PaW7CyRZKV
— ANI (@ANI) September 2, 2019
पाकिस्तान ने रविवार को कहा था कि, वह कुलभूषण जाधव को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के जजमेंट के तहत सोमवार को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करेगा। जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं। पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
Pakistan Ministry of Foreign Affairs: Consular access to Kulbhushan Jadhav will be provided tomorrow, in line with Vienna Convention on Consular relations, International Court of Justice (ICJ) judgement the laws of Pakistan. pic.twitter.com/W0B15wGKbe
— ANI (@ANI) September 1, 2019
इससे पहले भी पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि इस्लामाबाद जाधव को "पाकिस्तानी कानूनों के अनुसार" कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करेगा। पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था "भारत को पाकिस्तान की तरफ से कॉन्सुलर एक्सेस का प्रपोजल मिला है। भारत चाहता है कि जाधव को बिना किसी निगरानी के कॉन्सुलर एक्सेस मिले।
ICJ के फैसले से पहले जाधव को 25 दिसंबर, 2017 को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में केवल एक बार उनकी मां और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी। 35 मिनट के करीब चली बैठक में, जाधव ने अपने परिवार से एक इंटरकॉम के माध्यम से बात की थी। इस दौरान दोनों के बीच कांच का पार्टिशन रखा गया था। भारत ने तब इस्लामाबाद के इन दावों को खारिज कर दिया था कि उसने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान किया था।
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। ICJ ने 18 मई, 2017 को फैसला आने तक पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा देने से रोक दिया था।
इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है।