स्कूल की मासूम लड़कियों को अपना बनाता है किम जोंग, जानिए प्लेजर ग्रुप के पीछे छुपा है नॉर्थ कोरिया के इस तानाशाह का कौन सा घिनौना चेहरा?
किंम जोंग का प्लेजर ग्रुप स्कूल की मासूम लड़कियों को अपना बनाता है किम जोंग, जानिए प्लेजर ग्रुप के पीछे छुपा है नॉर्थ कोरिया के इस तानाशाह का कौन सा घिनौना चेहरा?
- आर्मी अधिकारी सिलेक्शन से पहले इन लड़कियों की ठीक तरह से जांच करते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से जुड़ा एक और डरावना सच सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जोंग अपने और अपने आला अधिकारियों के मनोरंजन के लिए स्कूल की मासूम लड़कियों को अगवा कर प्लेजर ग्रुप में डाल देता है। इस ग्रुप में शामिल लड़कियां किम समेत अफसरों की यौन इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इस ग्रुप में शामिल होने वाली लड़कियों से उनकी मर्जी के बगैर यह सब कराया जाता है। इसके बाद वह चाहकर भी वापस आम जिंदगी में नहीं लौट पातीं क्योंकि इससे अधिकारियों के सीक्रेट्स लीक होने का डर रहता है।
इससे पहले साल 2017 में भी देश छोड़कर भाग चुकी कोरियन आर्मी के कर्नल की बेटी लिम ने मीडिया को बताया था कि किम जोंग की सत्ता में स्कूलों में पढ़ रही नाबालिग लड़कियों में से सबसे आकर्षित और सुंदर दिखने वाली लड़की को घसीटकर किम के पास ले जाया जाता है। उन्हें सेक्स स्लेव बनाया जाता है। उन्हें यह सिखाया जाता है कि किस तरह उन्हें किम और उसके आला अधिकारियों को खुश रखना है। लिम ने बताया कि अगर इस दौरान किसी लड़की से कोई गलती हो जाए तो वह दिन उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होता है। गौरतलब है कि कोरियन आर्मी के पूर्व कर्नल की बेटी लिम 2015 में अपने सामने 11 म्यूजिशंस की हत्या से इतना डर गई थीं कि वह अपनी मां और छोटे भाई के साथ पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया चली गई थीं।
यह होता है प्लेजर ग्रुप, किम जोंग के दादा ने शुरु की थी परंपरा
रिपोर्टों के अनुसार, नॉर्थ कोरिया में आला अधिकारियों के मनोरंजन के लिए इन ग्रुपों को बनाया जाता है। इन ग्रुपों में स्कूलों की नाबालिग लड़कियों को रखा जाता है जो अधिकारियों की यौन इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इसे सेक्स पार्टी नाम से भी जाना जाता है। जिसे कोरियन भाषा में किप्पोमजे कहते हैं। इस ग्रुप में करीब 2 हजार लड़कियां होती हैं जिन्हें पूरी तरह से अलग रखा जाता है। इन लड़कियों को एक खास तरीके का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ हर बात में हां कहने की आदत डलवाई जाती है।
इस ग्रुप में 13 से लेकर 30 साल तक की सुंदर लड़कियां शामिल होती हैं जिन्हें प्लेजर गर्ल कहा जाता है। इनके बीच में अलग-अलग कामों का बंटवारा किया जाता है। कहा जाता है कि यह परंपरा किम जोंग उन के दादा ने शुरु की थी। उसके बाद से ही इस परंपरा का पालन किया जाता है।
अधिकारी करते हैं सिलेक्शन
इन प्लेजर गर्ल्स का सिलेक्शन आर्मी या फिर प्रशासन के आला अधिकारी करते हैं। यह अधिकारी सबसे पहले लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट करते हैं। इसके बाद इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि लड़कियों फिट और हेल्थी हों। इन लड़कियों को तीन छोटे ग्रुपों में बांटा जाता है। एक ग्रुप की लड़कियां अधिकारियों की यौन इच्छा पूरी करने का काम करती हैं। वहीं दो अन्य ग्रुप की लड़कियों को मसाज व सेमी न्यूड डांस करने का काम करती हैं। एक निश्चित उम्र के बाद इन लड़कियों को दूसरे डिपार्टमेंट में डाल दिया जाता है, जहां वह खाना बनाने व साफ सफाई समेत अन्य काम करती हैं।
आर्मी अधिकारी सिलेक्शन से पहले इन लड़कियों की ठीक तरह से जांच करते हैं। अगर वह सही लड़की का सिलेक्शन नहीं करते तो उन्हें कड़ी सजा भुगतनी पड़ती है। इसलिए सिलेक्शन का काम करते समय उन पर दबाव होता है। अगर उनकी सिलेक्ट हुई प्लेजर गर्ल तीन वर्ष तक ग्रुप में शामिल नहीं होती तो उस अधिकारी को बर्खास्त कर सीधे जेल में डाल दिया जाता है। इस वजह से अधिकारी स्कूली लड़कियों को प्लेजर ग्रुप में शामिल करने से पहले उनकी अच्छी तरह से जांच कर लेते हैं।