कमला हैरिस ने पहली बार बड़े मंच पर रूस की आलोचना की
संयुक्त राज्य अमेरिका कमला हैरिस ने पहली बार बड़े मंच पर रूस की आलोचना की
- अमेरिकी की चेतावनी यूक्रेन पर हमला किया तो खामियाजा भुगतेगा रूस
डिजिटल डेस्क, लंदन। संयुक्त राज्य अमेरिका की अर्ध-भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने बहुपक्षीय बड़े चरणों में से एक, वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) में पहली बार उपस्थिति दर्ज करते हुए रूस को चेतावनी दी है कि अगर यह अपने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, हम महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व आर्थिक लागत लगाएंगे, क्योंकि इन्हें आर्थिक प्रतिबंध और निर्यात नियंत्रण के रूप में वर्णित किया गया है।
उन्होंने मास्को को यह भी नोटिस दिया कि पश्चिमी गठबंधन वाणिज्यिक उपायों पर ही नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा, हम पूर्वी यूरोप में नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, 1949 से एक शीतयुद्ध सैन्य संघ) सहयोगियों को और मजबूत करेंगे। यह पहले से ही अधिक बलों और गोलाबारी के साथ पोलैंड में तैनात किया जा रहा है, जो रूस की सीमा में है। उन्होंने नाटो को दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन बताया।
कमला हैरिस ने रूस के लिए परिणामों पर अपने बयान में जोर देकर कहा, राष्ट्रीय सीमाओं को बल द्वारा नहीं बदला जाना चाहिए। ऐतिहासिक रूप से हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका कई बार ठीक ऐसा करने के पक्ष में रहा है, जिसमें फिलिस्तीनी धरती पर इजराइल के निर्माण का समर्थन करना और जम्मू एवं कश्मीर के 35 प्रतिशत पर पाकिस्तान का जबरन कब्जा करना शामिल है। जम्मू एवं कश्मीर अक्टूबर 1947 में भारत में शामिल हो गया था।
कमला हैरिस मूल रूप से चेन्नई की रहने वाली श्यामला गोपालन की बेटी हैं, जो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बन गईं और वहीं से उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की। उनके नाना पी.वी. गोपालन भारतीय सिविल सेवा से जुड़े थे, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी काल तक सरकार में काम किया और संयुक्त सचिव के पद तक पहुंचे। कमला हैरिस सम्मेलन स्थल पर थोड़ी देर से पहुंचीं। उन्होंने लगभग 13 मिनट भाषण दिया। उसके बाद लगभग 17 मिनट का प्रश्न-उत्तर सत्र चला।
उन्होंने कहा, हमने (संयुक्त राज्य अमेरिका) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रूसी सरकार के लिए ठोस प्रस्ताव रखे हैं, जबकि रूस कूटनीति के रास्ते को संकुचित कर रहा है। हैरिस ने हालांकि इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आसन्न है।
अमेरिका सोचता है कि ऐसा है, जबकि यूरोपीय संघ को लगता है कि उसके पास अभी भी एक मौका है। पिछले दो महीनों से, पश्चिम, विशेष रूप से वाशिंगटन और लंदन में काफी खींच-तान चल रही है। रूस ने स्पष्ट रूप से यूक्रेन के चारों ओर हजारों सैनिकों को जमा किया है, लेकिन वास्तविक हमला अभी नहीं हुआ है।
उन्होंने पुतिन शासन पर उकसाने, दुष्प्रचार और झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने आलोचकों को आश्वासन दिया कि अमेरिका और यूरोप सच्चाई को उजागर कर रहे हैं और एक स्वर में बोल रहे हैं। एमएससी के निदेशक वोल्फगैंग इस्चिंगर ने कमला हैरिस का परिचय दिया और साथ ही उनका साक्षात्कार लिया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने रूस के सम्मेलन में भाग न लेने पर खेद व्यक्त किया और विवादास्पद मामले पर अपनी बात रखी।
(आईएएनएस)