जलवायु परिवर्तन पर IPCC की रिपोर्ट लीक, भयानक परिणाम आ सकते हैं सामने
जलवायु परिवर्तन पर IPCC की रिपोर्ट लीक, भयानक परिणाम आ सकते हैं सामने
- IPCC की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2040 तक दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ेगा।
- दिसंबर की पोलैंड वार्ता में 2015 में हुई पेरिस डील को लागू करने के लिए नियमावली बनेगी।
- दुनिया के अमीर देश बताएंगे कि 2020 से पहले कार्बन उत्सर्जन कम करने क्या कदम उठाए हैं।
- पोलैंड में जलवायु परिवर्तन महासम्मेलन होगा जिसमें दुनिया के करीब 200 देश हिस्सा लेंगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईपीसीसी यानी इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज की ताज़ा रिपोर्ट लीक हो गई है। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2040 तक दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ जाने के संभावना है। जिसके घातक भयानक परिणाम हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे रोकने के लिए सभी देशों को ग्रीन हाउस गैसों और कार्बन इमीशन को कम करना होगा।
भारत ने रखा स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य
आईपीसीसी की ये ताजा रिपोर्ट अक्टूबर में आनी थी लेकिन ये पहले ही लीक हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते तापमान का मौसम और खेती बाड़ी से लेकर समुद्र स्तर के बढ़ने और ग्लेशियरों के पिघलने पर असर पड़ेगा। हाल ही में एक और रिपोर्ट में यह बात सामने आया थी अंटार्टिका का बर्फ पिघल रही है।
कोयले के इस्तेमाल को कम करने की आवश्यक्ता
जलवायु परिवर्तन के चलते सूखा, बाढ़ और अतिवृष्टि जैसी आपदा बढ़ रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कार्बन इमीशन को रोकने के लिए सौर और पवन ऊर्जा जैसे रास्तों को अपनाने और कोयले के इस्तेमाल को कम करने की आवश्यक्ता है। भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है।
2015 में जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए सभी देशों ने पेरिस समझौते पर दस्तखत किए हैं, जिसे लागू करने के लिए नियम बनाये जा रहे हैं। पोलैंड में जलवायु परिवर्तन महासम्मेलन होना है, जिसमें दुनिया के करीब 200 देश हिस्सा लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत होने वाले इस सम्मेलन से पहले जर्मनी के बॉन शहर में एक महत्वपूर्ण वार्ता का दूसरा दौर सोमवार से शुरू हो रहा है। इसका नाम है तलानोवा डायलॉग।
क्या है तलानोवा डायलॉग
तलानोवा डायलॉग या तलानोवा वार्ता के बार में बता दें कि तलानोवा फिजी और दूसरे पैसेफिक देशों की कबीलाई संस्कृति से निकला शब्द है। तलानोवा वार्ता के तहत तमाम कबीलों में शांतिपूर्ण तरीके से एक दूसरे की बातचीत सुनी जाती है। जलवायु परिवर्तन वार्ता में अमीर, गरीब और विकासशील देशों के बीच कई ऐसे मुद्दे हैं जहां तीखी नोंकझोंक और तनातनी हो जाती है। जिसे देखते गुए साल की शुरुआत से ही तलानोवा वार्ता का दौर शुरू हो गया था।
अगले सोमवार को इसका दूसरा दौर शुरू हो रहा है। जानकारों की मानें तो यह दौर दिसंबर में होने वाली महत्वपूर्ण वार्ता की राह आसान करेगा।