पाक ने दिया जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस का प्रस्ताव, समीक्षा के बाद भारत देगा जवाब
पाक ने दिया जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस का प्रस्ताव, समीक्षा के बाद भारत देगा जवाब
- डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से भारत इसका जवाब देगा
- पाकिस्तान की इस पेशकश का भारत मूल्यांकन कर रहा है
- पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस की पेशकश की है
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले के दो हफ्ते बाद पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस की पेशकश की है। पाकिस्तान की इस पेशकश के बाद भारत इसका मूल्यांकन कर रहा है और जल्द ही पाकिस्तान को डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से इसका जवाब देगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि "भारत को पाकिस्तान की तरफ से कॉन्सुलर एक्सेस का प्रपोजल मिला है। हम आईसीजे के फैसले को प्रकाश में रखते हुए इस प्रपोजल का मूल्यांकन कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से इस मामले में पाकिस्तान के साथ संवाद बनाए हुए हैं। जो भी प्रतिक्रिया भेजी जानी है, वह डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से समय पर पाकिस्तान को दे दी जाएगी।"
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि इस्लामाबाद जाधव को "पाकिस्तानी कानूनों के अनुसार" कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करेगा। साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, "पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को इस बारे में औपचारिक रूप से सूचित करने के बाद भारतीय प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है।"
भारत ने तर्क दिया है कि वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 पैरा 1(ए) में कहा गया है कि "कॉन्सुलर अधिकारी सेंडिंग स्टेट के नागरिकों से संवाद करने और उन तक पहुंचने के लिए स्वतंत्र होंगे। सेंडिंग स्टेट के नागरिकों के पास भी सेंडिंग स्टेट के कॉन्सुलर अधिकारियों से कम्यूनिकेशन करने की वैसी ही स्वतंत्रता होगी। इस मामले में भारत "सेंडिंग स्टेट" है।
पिछले हफ्ते, दोनों देशों ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, चर्चा के तहत प्रमुख मुद्दों में, कितने भारतीय अधिकारी जाधव से बातचीत करेंगे, उनकी बैठक की अवधि, सुरक्षा कर्मियों के अलावा क्या पाकिस्तानी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, क्या कांच के पार्टिशन के बीच ये बातचीत होगी, और क्या उन्हें फिजिकल कॉन्टेक्ट की अनुमति मिलेगी।
जाधव को 25 दिसंबर, 2017 को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में केवल एक बार उनकी मां और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी। 35 मिनट के करीब चली बैठक में, जाधव ने अपने परिवार से एक इंटरकॉम के माध्यम से बात की थी। इस दौरान दोनों के बीच कांच का पार्टिशन रखा गया था। भारत ने तब इस्लामाबाद के इन दावों को खारिज कर दिया था कि उसने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान किया था।
बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। ICJ ने 18 मई, 2017 को फैसला आने तक पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा देने से रोक दिया था।
इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। जज अब्दुलकवी अहमद यूसुफ ने द हेग में अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला पढ़ा था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है।