ब्रिटेन के किंग बनने के बाद अपने संबोधन में किंग चार्ल्स ने देशवासियों के लिए कही बड़ी बातें, महारानी के प्रण के बारे में बताते समय हुए भावुक

ब्रिटेन को मिला किंग ब्रिटेन के किंग बनने के बाद अपने संबोधन में किंग चार्ल्स ने देशवासियों के लिए कही बड़ी बातें, महारानी के प्रण के बारे में बताते समय हुए भावुक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-10 12:49 GMT
हाईलाइट
  • जनता के विश्वास के लिए धन्यवाद भी अदा किया। 

डिजिटल डेस्क, दिल्ली।  ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बड़े बेटे चार्ल्स-3 ने उनकी कुर्सी संभाल ली है अर्थात उन्हें राजा बना दिया गया है। राजा बनने के बाद चार्ल्स ने ब्रिटेन के नाम पहला संबोधन दिया। अपने संबोधन में चार्ल्स ने अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के जीवन से जुड़ी कई अहम बातों के बारे बताते  हुए उनको याद किया। अपने संबोधन में वह कई बार भावुक भी हुए। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान महारानी के शासन को याद किया वहीं दूसरी तरफ जनता के विश्वास के लिए धन्यवाद भी अदा किया। 

किंग चार्ल्स ने संबोधन में कहा कि मेरी मां ने 1947 में अपने 21वें जन्मदिन पर एक प्रण लिया था। उन्होंने कहा  वह पूरे जीवन भर सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहती थी। उनके लिए यह एक वादे से अधिक लोगों के लिए किया गया कमिटमेंट था जिसे उन्होंने सारी जिंदगी निभाया। अपने संबोधन के दौरान किंग कई बार भावुक भी नजर आए। अपनी मां के नाम आखिरी संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि आप अब मेरे पिता के साथ दूसरी यात्रा पर चली गई हैं, ऐसे समय में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा शुक्रिया। 

किंग ने अपनी बात रखते हुए एक किस्सा साझा किया कि एक प्रधानंत्री ने कहा था कि महारानी ऐसा शख्सियत थी जिनके सामने वह अपने मन की सारे बातें कह सकते थे, उन्हें पता था कि उनकी बात कभी भी बाहर नहीं जाएगी। किंग चार्ल्स ने आगे कहा कि वह हर किसी की सेवा करेंगे। इस पद पर रहते हुए संविधान की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन का हर नागरिक चाहे वह दुनिया के किसी भी जगह पर क्यों न रह रहा हो पूरी निष्ठा और वफादारी से उनकी सेवा करेंगे। 

अपने ऐतिहासिक संबोधन में ब्रिटेन के नए किंग ने अपने क्षेत्र, राष्ट्रमंडल की वफादारी के साथ ही सम्मान के साथ सेवा करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, "जैसा कि महारानी ने स्वयं अडिग भक्ति के साथ किया था, मैं भी पूरी निष्ठा से अपने आप को, बचे समय के दौरान हमारे राष्ट्र के दिल में संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए काम करूंगा। और जिस भी जगह पर आप ब्रिटेन या दुनिया भर के क्षेत्रों में रहते हों और आपकी पृष्ठभूमि या विश्वास जो भी हो, मैं आपको जीवन भर निष्ठा,सम्मान और प्रेम के साथ सेवा करने का प्रयास करूंगा।" 
 

 

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