सियासी पारी हारने वाले इमरान खान नहीं बचा पाएंगे अपने करीबी दोस्त को, गिर सकती है गाज
सियासी रार की क्रिकेट पर भी मार सियासी पारी हारने वाले इमरान खान नहीं बचा पाएंगे अपने करीबी दोस्त को, गिर सकती है गाज
- आईसीसी के साथ बैठक के बाद पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा इस्तीफा सकते हैं
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सियासी जंग हार गए। शनिवार देर रात हुए अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में इमरान की हार हुई और सत्ता से बेदखल हो गए। फिलहाल जहां नई सरकार के गठन की तैयारी जोर-शोर पर चल रही है। तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में बदलाव की हलचल शुरू हो गई है। जियो न्यूज के मुताबिक दुबई में आईसीसी के साथ बैठक के बाद पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा इस्तीफा दे सकते हैं।
— Geo English (@geonews_english) April 10, 2022
इमरान खान का दोस्त है पीसीबी अध्यक्ष
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी दोस्त हैं। खबरों के मुताबिक रमीज राजा पीसीबी के अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि 11 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान पीसीबी में उच्च स्तरीय बदलाव की संभावना है। साथ ही कहा कि पीसीबी अध्यक्ष द्वारा नियुक्त व्यक्तियों पर भी गाज गिर सकती है।
पीसीबी में बड़े बदलाव की संभावना
इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद पीसीबी में बड़े बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक रमीज राजा ने इस बारे में अपने करीबी दोस्तों से सलाह मशविरा किया है। बताया जा रहा है कि रमीज राजा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के साथ बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। खबर है कि राजा आईसीसी से बातचीत के लिए इस वक्त दुबई में मौजूद हैं। बैठक का समापन भी आज होने वाला है। सूत्रों ने बताया कि 11 अप्रैल से शुरू हो रहे अगले सप्ताह में पीसीबी में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
क्रिकेट की इन श्रेणियों हो है सकता बदलाव
इमरान सरकार के सत्ता से हटने के बाद घरेलू क्रिकेट के ढांचे में बदलाव किए जा सकते हैं। जबकि डिपार्टमेंटल क्रिकेट को बहाल किया जा सकता है। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में इमरान खान को पीएम पद से हटाया गया। नेशनल असेंबली में 12 घंटे से अधिक समय तक बहस चली. इसके बाद 174 सांसदों ने इमरान को हटाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया।