हांगकांग: लोकतंत्र समर्थकों ने निकाला विरोध मार्च, लगाया सड़कों पर जाम
हांगकांग: लोकतंत्र समर्थकों ने निकाला विरोध मार्च, लगाया सड़कों पर जाम
- आंदोलनकारियों ने पुलिस की सैलरी बढ़ाने की मांग भी की है
- जल्द ही ताइवान भी चीन को चुनौती दे सकता है
- पुलिस ने लोकतंत्र समर्थकों को रोकना चाहा तो सड़क पर लगाया जाम
डिजिटल डेस्क, हांगकांग। हांगकांग में आंदोलन दोबारा तेज हो गया है। एक लाख से ज्यादा लोगों ने नए साल के पहले ही दिन यानी बुधवार को लोकतंत्र के समर्थन में चीनी सरकार के खिलाफ रैली निकाली। इसी बीच सड़कों पर उतरने से पुलिस ने लोकतंत्र समर्थकों को रोकना चाहा तो उन्होंने सारी प्रमुख सड़कें जाम कर दी। इस दौरान आंदोलनकारियों ने अपनी 5 मांगों के अलावा पुलिस की सैलरी बढ़ाने की मांग भी की। बता दें कि हांगकांग में लोग करीब सात महीने से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बीच में कुछ दिन शांति रहने के बाद एक बार फिर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
Tens of thousands reiterated their protest demands on January 1, during the first #HongKong police-approved demonstration of the year. https://t.co/WFmE0CqLhB
— Tom Grundy (@tomgrundy) January 1, 2020
Protesters chanted “Five demands, not one less,” “Resist tyranny, join a union.” Photo: @SiuSinGallery / HKFP. pic.twitter.com/diQHG7IGf2
यह दशक के सबसे बड़े राजनीतिक संकट में से एक है। लोकतंत्र की मांग के लिए लाखों लोग सड़क पर उतर चुके हैं। लोकतंत्र समर्थकों अपनी मांगों को पूरा करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए इंटरनेशनल फाइनेंशियल हब के मेन आईलैंड पर मार्च किया। शुरुआत में मार्च शांतिपूर्ण रहा था, लेकिन कुछ घंटों में ही नकाब पहने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
अब तक 6500 गिरफ्तार
यह आंदोलन जून 2019 से चला आ रहा है। अब तक 6500 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस आंदोलन में मजदूर संगठन भी शामिल हैं। इसके अलावा होटल, निर्माण और इंश्यूरेंस इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहें हैं। अब तक लोकतंत्र समर्थकों के आक्रोश से यही प्रतीत हो रहा है कि जब तक इनकी मागें पूरी नहीं की जाएगी, तब तक यह आंदोलन थमने नहीं वाला है।
अमेरिका कर रहा है समर्थन
नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में लाए गए ‘मानवाधिकार और लोकतंत्र विधेयक’ पर हस्ताक्षर किए। इसके जरिए अमेरिका हांगकांग की स्वायत्ता की समीक्षा कर सकेगा। ट्रम्प ने हांगकांग पुलिस को दी जाने वाली मदद रोकने से जुड़े एक विधेयक पर भी हस्ताक्षर किए। इसके तहत अमेरिका वहां की पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने वाले हथियार नहीं भेजेगा। इनमें आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां और स्टनगन शामिल हैं।
लोकतंत्र की मांग पर हिंसक प्रदर्शन
हांगकांग सरकार ने चीन के दबाव में आकर प्रत्यर्पण विधेयक पेश किया था, जिसके तहत हांगकांग में पकड़े गए अपराधियों को कार्रवाई और जांच के लिए चीन भेजा जा सकता था। जबकि इससे पहले तक हांगकांग का कोई भी अपराधी चीन नहीं भेजा जाता था। इस बिल के विरोध में हांगकांग के नागरिक सड़कों पर उतर आए थे। बताया गया कि चीन कानून का गलत इस्तेमाल कर सकता है। 2 महीने तक प्रदर्शन चला और बाद में हांगकांग सरकार ने इस बिल को वापस ले लिया।
ताइवान भी चीन को रोकने की तैयारी में
ताइवान की संसद ने मंगलवार को नया कानून पारित किया है, जिसमें चुनाव समेत आंतरिक मामलों में पड़ोसी चीन की दखलअंदाजी रोकने की बात कही गई है। बता दें कि चीन लंबे समय से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है। इससे दोनों ही देशों में तनाव बढ़ सकता है। यह हांगकांग के बाद चीन के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है।