विवाद: भारत से दवा के इंपोर्ट पर पाक में बवाल, दवा निर्माताओं ने कहा- आयात रोका तो लोगों को भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम
विवाद: भारत से दवा के इंपोर्ट पर पाक में बवाल, दवा निर्माताओं ने कहा- आयात रोका तो लोगों को भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में "जीवन रक्षक दवाओं की आड़ में भारत से आम दवाओं के इंपोर्ट के अरबों रुपये के घोटाले" का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से जीवनरक्षक दवाओं के आयात के संबंध में अनुमति के दुरुपयोग की जांच की जिम्मेदारी आंतरिक मामलों के सलाहकार बैरिस्टर शहजाद अकबर को सौंपी है। हालांकि पाकिस्तान के दवा निर्माताओं ने दावा किया है कि संघीय कैबिनेट को भारत से दवाओं और उसके कच्चे माल के आयात के बारे में गुमराह किया जा रहा है। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दवा निर्माताओं ने कहा, "इस समय केवल आवश्यक और महत्वपूर्ण दवाओं को पड़ोसी राज्य से आयात किया जा रहा। इसकी कमी के परिणाम पाकिस्तान के लोगों के लिए गंभीर हो सकते हैं।
आयात रोकने पर दवाओं की अत्यधिक कमी हो जाएगी
पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (पीपीएमए) के पूर्व अध्यक्ष जाहिद सईद ने कहा, "पाकिस्तान एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी), एंटी स्नेक सेरा, टाइफाइड और कुछ अन्य बीमारियों के लिए दवाएं भारत से इंपोर्ट करता है। इसी तरह कई आवश्यक दवाओं के निर्माण के लिए कच्चा माल भी भारत से आयात किया जाता है। अगर इन आयातों को रोक दिया जाता है, तो देश में आवश्यक दवाओं की अत्यधिक कमी हो जाएगी। पीपीएमए के उपाध्यक्ष फारूक बुखारी, कैप्टन इकबाल अहमद, शेख क़ैसर वहीद और अन्य लोगों ने भी कहा कि भारत से दवा के आयात को रोकना पाकिस्तान की सरकार के कोरोनावायरस को रोकने के प्रयासों को बाधित करेगा। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के दवाओं के निर्यात पर भी इसका असर पड़ेगा।
इमरान खान को किया जा रहा गुमराह
जाहिद सईद ने कहा, "किसी ने प्रधानमंत्री को गुमराह किया है कि भारत से विटामिन आयात किए जा रहे हैं, जो पाकिस्तान के लिए आवश्यक नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "हम मीडिया के माध्यम से बताना चाहते हैं कि फोलिक एसिड एक विटामिन है जो गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक है। इसी तरह, बेरीबेरी रोग को रोकने के लिए विटामिन B 1 आवश्यक है।" सईद ने कहा कि कई अन्य विटामिन हैं जो वास्तव में जीवनरक्षक दवाएं हैं और पाकिस्तान में सैकड़ों रोगियों की जरूरत है।
चीन से भी दवा आयात करने की कोशिश
दवा निर्माताओं का दावा है कि संबंधों के बिगड़ने और भारत के साथ युद्ध जैसी स्थिति के बाद, पाकिस्तानी दवा निर्माताओं ने चीन से कच्चे माल का आयात करने की कोशिश की थी। लेकिन शुरुआत में चीनी आपूर्तिकर्ताओं ने कच्चे माल की अत्यधिक कीमतों की मांग की और बाद में जब वे सहमत हुए तो चीन में लॉकडाउन हो गया। सईद ने कहा कि हम दवाओं के कच्चे माल की आपूर्ति के लिए चीनी और अन्य निर्माताओं पर स्विच करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें कम से कम एक साल का समय लगेगा। उन्होंने कहा, तब तक भारत से तैयार माल और कच्चे माल को आयात करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
पाक ने लगा दी थी दवा के इंपोर्ट पर रोक
बता दें कि बीते साल अगस्त में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के विरोध में पाकिस्तान ने भारत से व्यापार रोक दिया था। लेकिन, इसका असर पाकिस्तान पर ही, खासकर वहां के दवा उद्योग पर पड़ा जो काफी हद तक भारत पर निर्भर है। बाद में पाकिस्तान सरकार को फैसला लेना पड़ा कि भारत से जीवन रक्षक दवाएं मंगाई जा सकती हैं।