पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लोकतंत्र के बुरे हाल, दुनियाभर की रैंकिंग में लगातार पिछड़ रहा पाकिस्तान

पाक हुआ शर्मसार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लोकतंत्र के बुरे हाल, दुनियाभर की रैंकिंग में लगातार पिछड़ रहा पाकिस्तान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-03 12:15 GMT
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लोकतंत्र के बुरे हाल, दुनियाभर की रैंकिंग में लगातार पिछड़ रहा पाकिस्तान
हाईलाइट
  • पाक को तीन अंको का हुआ नुकसान

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। किसी भी देश की खूबसूरती तब होती है जब देश का संविधान सबके लिए सामान हो, वहां का लोकतंत्र पारदर्शी हो। सरकार अपने नागरिकों और विपक्षी पार्टियों का दमन न करे। तब जाकर एक लोकतंत्र की खूबसूरती देश में कायम रहती है। लेकिन इन सब से उलट पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है जहां पर लोकतंत्र तो छोड़ी इंसानियत भी शर्मसार हो जाती है। आपकों बता दें कि, गुरूवार को इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट्स ने पाकिस्तान में डेमोक्रेसी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें पाकिस्तान की लोकतंत्र को भी रेटिंग दी गई है। डेमोक्रेसी इंडेक्स में उसे काफी बुरा स्कोर मिला है। इंडेक्स के मुताबिक, पाक को लोकतात्रिक देशों में 4.13 स्कोर के साथ 107वां स्थान मिला है।

तीन अंको का हुआ नुकसान

इस इंडेक्स में 167 देशों की ड्रेमोकेसी की स्थिति को बताया गया है। वहीं साल 2021 में पाक की रेटिंग 104 रहीं थी। हालांकि इस बार उसकी रेटिंग में तीन स्थान का नुकसान हुआ है। समा टीवी के मुताबिक, पाकिस्तान कोटे डी आइवर और मॉरिटानिया जैसे देशों के साथ आ खड़ा हुआ है। जहां की लोकतंत्र पूरी तरह से सत्ता के पक्ष के हाथ में ही रहती है। इसी कड़ी में पाक भी आ जुड़ा है।

4.71 प्वाइंट के साथ पाक खिसका 107वें स्थान पर

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट्स ने कुछ देशों को हाइब्रिड शासन के रूप में रेखाकिंत किया है। इस इंडेक्स ने पाकिस्तान को पांच श्रेणियों में रिपोर्ट कार्ड दिया है।

पहला- चुनावी प्रकिया और बहुलवाद के लिए 5.67 अंक

दूसरा- सरकार के कामकाज के लिए 5

तीसरा- राजनीति भागीदारी के लिए 2.78

चौथा- राजनीतिक संस्कृति के लिए 2.5

पांचवा नागरिक स्वतंत्रता के लिए 4.71

इस इंडेक्स को जारी करने के बाद ईआईयू ने कहा कि, हमने साल 2006 से डेमोक्रेसी इंडेक्स की शुरूआत की है। ताकि दुनिया भर की लोकतात्रिक देशों को एक स्नेपशॉट मिल सके। जिसमें दुनिया की अधिकांश आबादी शामिल है।

8 फीसदी ही लोग रहते हैं लोकतात्रिक देशों में

बता दें कि, ईआईयू ने 167 देशों के शासन व्यवस्था को मुख्यतः चार भागों में बांटा है।

पहला- पूर्ण लोकतंत्र 

दूसरा- त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र 

तीसरा- सत्तावादी शासन

चौथा- शंकर शासन 

ईआईयू रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे केवल 24 देश ही हैं, जिनमें 14.4 फीसदी यानी दुनिया की आबादी का मात्र 8 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण कालिक लोकतंत्र में रहता है। 

34 से 36 हुए हाइब्रिड देशों की संख्या 

समा टीवी के अनुसार, हाइब्रिड शासन में पाकिस्तान भी मौजूद है। इस शासन में करीब 36 देश आते हैं। जो वैश्विक जनसंख्या का 17.9 फीसदी हिस्सा हैं। दरअसल, हाइब्रिड शासन उसे कहते हैं जो चुनावी प्रकिया के दौरान किसी न किसी प्रकार की धांधली होती है। जो चुनाव के परिणामों पर सीधा असर डालती है। समा टीवी ने आगे बताया कि, साल 2022 में जब ये रिपोर्ट जारी किया गया था तब हाईब्रिड देशों की संख्या 34 थी। लेकिन अब इनकी संख्या 36 हो गई है।

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