Croatia: 300 साल पहले इस देश में बना था पहला क्वारंटीन सेंटर, क्या उस समय भी लोगों को थी वायरस और बैक्टीरिया की जानकारी?
Croatia: 300 साल पहले इस देश में बना था पहला क्वारंटीन सेंटर, क्या उस समय भी लोगों को थी वायरस और बैक्टीरिया की जानकारी?
डिजिटल डेस्क, ज़ागरेब। कोरोनावायरस संक्रमितों का दुनिया भर में क्वारनटीन कर इलाज चल रहा है। इस वायरस के कारण न सिर्फ इंसान बल्कि इकोनॉमी भी खतरे में हैं। तीन महीने पहले तक किसी ने नहीं सोचा था कि क्वारनटीन की सुविधा किसी शहर या राज्य के लिए इतनी जरूरी हो सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्वारनटीन का पुराना इतिहास रहा है। यूरोपीय देश क्रोएशिया के दुब्रोवनिक में 17वीं सदी में बीमारियों से बचने के लिए क्वारनटीन सिस्टम बनाया गया था। दुब्रोवनिक UNESCO हैरिटेज साइट है और फेमस टीवी सीरीज गेम ऑप थ्रोन्स की शूटिंग भी यहां हो चुकी है।
क्या उस समय भी लोग जानते थे क्या होता है वायरस?
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उस जमाने में भी लोगों को वायरस, बैक्टीरिया फैलने की वजहों के बारे में जानकारी थी? आर्ट हिस्टोरियन और लेखक इवान विग्जेन बताते हैं कि उस समय लोग वायरसों के बारे में नहीं जानते थे, वो किसी बैक्टीरिया के बारे में भी नहीं जानते थे लेकिन उन्होंने सोचा कि बीमार लोगों को अलग-थलग रखने से बीमारी दूर रहेंगी। वहीं फिजिशियन और लेखक डॉ. अना बाकिजा कोनसुो कहती है कि दुब्रोवनिक प्रशासन ने आर्थिक असर की चिंताओं की वजह से इसे शुरू किया था। वो चाहते थे कि कारोबार बचा रहे। इसलिए उन्होंने संक्रमित इलाके से आने वालों को पहले 30 दिन और फिर 40 दिन अलग-थलग रखने का फैसला किया। इटेलियन में इसे क्वारंटा कहते हैं और क्वारंटीन शब्द भी यहीं से निकला।
1377 में पहली बार बना क्वारनटीन सिस्टम
साल 1377 में कुष्ठ रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने के लिए यूरोप में पहली बार क्वारनटीन की व्यवस्था शुरू की गई। पहले ऐसे लोगों को आस-पास के आइलैंड पर लकड़ी की बनी झोपड़ियों में रखा जाता था और फिर बाद में उन्हें जला दिया जाता। इसके बाद 17वीं सदी में प्रशासन ने हार्बर के करीब क्वारनटीन एरिया को बनाने का फैसला लिया। इसे लाजारेती कॉम्प्लेक्स के नाम से जाना जाता है। दुब्रवनिक के लाजारेती कॉम्प्लेक्स में लोगों और सामान को अलग रखा जाता था। यहां हर किसी का नाम रजिस्टर होता और उनके सामान का ब्योरा भी। लाजारेती में दस हॉल है जो एक दूसरे से अलग किए गए हैं। इनके चारों ओर दीवार है। इनका अलग सीवेज सिस्टम भी होता था।
इस वजह से किया जाता था लोगों को क्वारनटीन
क्रोएशिया के इस शहर में आज आर्ट गैलरियों और क्लबों का बसेरा है। प्राचीन काल में ये बीमारों को अलग-थलग करने और संक्रामक बीमारियों को शहर से दूर करने का ठिकाना था। जब पूरी दुनिया कोरोनावायरस के कहर से कराह रही है तब इस जगह को बनाने का असली मकसद याद आ रहा है। मध्यकालीन दुब्रोवनिक में सैनिटेशन की सुविधा बहुत ऊंचे दर्जे की थी। महामारियों के बाद 1377 में दुब्रोवनिक के नगर परिषद ने ऐसी जगहों से, जहां किसी महामारी के फैलने की बात सुनी गई हो, आने वाले यात्रियों और कारोबारियों को एक अलग जगह पर रखने का इंतजाम करने का फैसला किया था।