Covid19: भारत से दवा मिलने पर बोले ट्रंप- हम कभी नहीं भूलेंगे ये मदद, मोदी ने कहा- मिलकर जीतेंगे जंग
Covid19: भारत से दवा मिलने पर बोले ट्रंप- हम कभी नहीं भूलेंगे ये मदद, मोदी ने कहा- मिलकर जीतेंगे जंग
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। नोवल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के निर्यात के लिए भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार के इस फैसले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) काफी खुश हैं। बुधवार को ट्रंप ने ट्वीट कर भारत के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, संकट के समय भारत की इस मदद को कभी भुलाया नहीं जाएगा।
I want to thank Prime Minister Modi for allowing us to have what we requested...He was terrific, we will remember it: US President Donald Trump https://t.co/bMxrkYlnGC pic.twitter.com/bhyF6HUism
— ANI (@ANI) April 9, 2020
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना महामारी से लड़ने में असरदार हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (एचसीक्यू) दवा के प्री-आर्डर के निर्यात को अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दो बार शुक्रिया अदा कर, उन्हें एक अच्छा इंसान बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत हुई है और ऐसे वक्त में दोस्ती और गहरी होती है।
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2020
India shall do everything possible to help humanity's fight against COVID-19.
We shall win this together. https://t.co/0U2xsZNexE
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दरअसल भारत की ओर से कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रही मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, भारत की इस मदद को अमेरिका कभी नहीं भुला पाएगा। डोनाल्ड ट्रंप मोदी की तारीफ करते हुए कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे अनुरोध पर दवा के निर्यात को मंजूरी दी। वह बड़े दिल वाले हैं। हम इस मदद को हमेशा याद रखेंगे।
Extraordinary times require even closer cooperation between friends. Thank you India and the Indian people for the decision on HCQ. Will not be forgotten! Thank you Prime Minister @NarendraModi for your strong leadership in helping not just India, but humanity, in this fight!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 8, 2020
ट्रंप ने ये भी कहा कि, चुनौतीपूर्ण समय में दोस्तों के बीच सहयोग की जरूरत होती है। हम हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसले के लिए भारत और भारतवासियों का धन्यवाद करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का शुक्रिया करते हुए कहा, कोरोना के खिलाफ जंग में न सिर्फ भारत के लोगों की मदद के लिए बल्कि मानवता की मदद में शक्तिशाली नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।
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ट्रंप ने कहा- मोदी बहुत अच्छे व्यक्ति
राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यूज ब्रिफिंग में टीवी के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रगुजार हूं, हमने उनसे समस्या (महामारी के बढ़ते मामलों) के सामने आने से पहले जो कुछ भी अनुरोध किया था उन्होंने वह सब दिया, वे बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। हम अमेरिकी इसे याद रखेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का दूसरी बार आभार व्यक्त किया। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा था। ट्रंप ने कहा, असाधारण समय में भी दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता होती है। एचसीक्यू दवा निर्यात पर निर्णय के लिए भारत और भारतीयों को धन्यवाद। हम इस मदद को कभी नहीं भूलेंगे।
मोदी बोले- ऐसे समय दोस्तों को करीब लाते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके जवाब में गुरुवार को ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, आपके कथन से पूरी तरह सहमत हूं। ऐसे समय दोस्तों को करीब लाते हैं। भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, भारत कोविड-19 के खिलाफ मानवता की लड़ाई में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। हम इसे एक साथ जीतेंगे।
अमेरिकी मीडिया ने हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को बताया खतरनाक
राष्ट्रपति ट्रंप का यह धन्यवाद संदेश इस बात की पुष्टि करता है कि भले ही दोनों देशों की मीडिया और नेताओं द्वारा दवा के निर्यात को लेकर तल्ख टिप्पणियां की जा रही हो, लेकिन भारत दुनिया के सामने एक फार्मास्युटिकल पावरहाउस और मानवीय सहायता के स्रोत के रूप में उभर कर सामने आया है। अमेरिका मेंहाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा के उपयोग के खिलाफ एक मीडिया अभियान के बावजूद, राष्ट्रपति ट्रंप ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ इसके असरदार होने की वकालत की है। अमेरिका की अधिकांश मेनस्ट्रीम मीडिया ने हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को खतरनाक बताकर इसे राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ एक आंशिक मुद्दा बना दिया है, जबकि विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक के सदस्य व न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 1,100 रोगियों पर इसे टेस्ट करने का अनुरोध किया था।
वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से मिशिगन की एक स्टेट रिप्रेजेंटेटिव करेन व्हाट्सएट ने इस दवा पर ध्यान देने के लिए ट्रंप को धन्यवाद कहा। करेन ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि एचसीक्यू ने उनकी जान बचाई है और इस पर ध्यान देने के लिए ट्रंप का शुक्रिया।
एक अमेरिकी रिपोर्टर ने सोमवार को अमेरिका और भारत के रिश्तों को खराब करने के इरादे से झूठा दावा कर राष्ट्रपति से सवाल कर कहा कि जिस प्रकार ट्रंप ने पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट दस्ताने, गाउन और मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाय है, ठीक उसी प्रकार इसके जवाब में नई दिल्ली ने एचसीक्यू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। ट्रंप इस सवाल से हैरान हुए और उन्होंने कहा, मैंने यह नहीं सुना कि यह उनका (प्रधानमंत्री मोदी का) फैसला है। मैंने कल उनसे बात की थी, हमारी बहुत अच्छी बात हुई। हम देखेंगे कि ऐसा है या नहीं यदि ऐसा हुआ तो मुझे आश्चर्य होगा कि क्योंकि आपको पता है भारत-अमेरिका के संबंध बेहद अच्छे हैं। उन्होंने कहा, यदि फिर भी वह ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं पर इस पर प्रतिक्रिया स्वाभाविक है।
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इस बीच, भारतीय मीडिया और राजनीतिक पार्टियां भी इसमें कूद पड़ी और रिपोर्टर के झूठे दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यहां धमकियां दी जा रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सम्मान को छोटा कर दिया है। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने अब बात को स्पष्ट करते हुए कहा है कि पहले को ऑर्डर को पूरा करते हुए भारत हमारी मांगों को पूरा कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं सरकार ने निर्णय को स्पष्ट करते हुए कहा है कि जरूरतों को देखते हुए और मानवीय आधार पर भारत अन्य देशों की मदद कर सकता है। बता दें कि, अमेरिका में पिछले 48 घंटे में कोरोना से 4000 लोगों की जान जा चुकी है। अब तक कोरोना संक्रमण के कुल 435,128 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से 14,795 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 22,891 लोग ठीक हुए हैं।