मुस्लिम महिलाओं के स्वीमिंग कॉस्ट्यूम पर प्रतिबंध के फैसले से फ्रांस में फिर छिड़ा विवाद, मेयर के फैसले के कारण मुद्दा गरमाया
बुर्किनी विवाद मुस्लिम महिलाओं के स्वीमिंग कॉस्ट्यूम पर प्रतिबंध के फैसले से फ्रांस में फिर छिड़ा विवाद, मेयर के फैसले के कारण मुद्दा गरमाया
- सरकारी स्विमिंग पुल में बुर्किनी पहनने के फैसले को उलट देंगे
डिजिटल डेस्क, पेरिस। फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं के स्वीमिंग बुर्किनी को लेकर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है। गौरतलब है कि मुस्लिम महिलाएं स्वीमिंग बुर्किनी को पहनकर स्वीमिंग पुल में नहाती हैं। इससे उन्हें अपने बालों और शरीर को ढकने में मदद मिलती है। हालांकि फ्रांस में आलोचक इसे देश के इस्लामीकरण के रूप में देखते हैं। जो हमेशा एक विवादित मुद्दा रहा है।
दरअसल, फ्रांस के ग्रेनोबल शहर के मेयर ने बीते सोमवार को स्विमिंग पूल नियमों को बदल दिया, जिसके बाद सरकारी स्विमिंग में बुर्किनी समेत सभी तरह के स्विमसूट पहनने की छूट मिल गई। जिसको लेकर मामला गंभीर हो गया है। फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने बताया कि इस नियम को स्वीकार नहीं किया जाएगा और वो सरकारी स्विमिंग पुल में बुर्किनी पहनने के फैसले को उलट देंगे।
मेयर ने की थी घोषणा
समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से आजतक न्यूज चैनल ने लिखा है कि ग्रेनोबल के अल्पाइन शहर के मेयर ने सोमवार को घोषणा की कि सरकारी स्विमिंग पूल में महिला-पुरष अपनी पसंद से कपड़े पहनकर नहा सकते हैं। गौरतलब है कि महिलाओं को पहले स्विमिंग पूल के एक तरह का पारंपरिक स्विमसूट और पुरूषों के लिए ट्रंक पहनना जरूरी था लेकिन अब ये नियम बदल दिया गया है। शहर के मेयर की इस घोषणा को गृहमंत्री गोराल्ड डारमैनिन ने भड़काऊ तक बता दिया है। उन्होंने का है कि ये फैसला फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के विपरीत है और वे इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देंगे।
साल 2016 में बुर्किनी पर लगा था प्रतिबंध
गौरतलब है कि साल 2016 में गर्मियों के दिनों में समुद्र तटों पर बुर्किनी पहनने पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश वहां के स्थानीय महापौरों ने की थी। हालांकि वे सफल भी हुए थे। इसके बाद सार्वजनिक स्थानों पर बुर्किनी पहनकर नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बाद में विरोध होने के कारण प्रतिबंध को हटा दिया गया।
ग्रेनोबल के मेयर एरिक पिओल एक वामपंथी गठबंधन का नेतृत्व करते हैं। सोमवार को मेयर पिओल ने फ्रांस के ब्रॉडकास्टर रेडियो आरएमसी को बताया कि हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि महिलाएं और पुरूष अपनी मर्जी से कपड़े पहन सकें।