ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जा सकती है कुर्सी, उनकी ही पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में
ब्रिटेन में राजनीतिक भूचाल! ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जा सकती है कुर्सी, उनकी ही पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में
- अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं बोरिस जॉनसन
- अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर सकते हैं जॉनसन
डिजिटल देश, लंदन। पाकिस्तान के बाद ब्रिटेन में भी राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। अगर यह अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया तो जल्द ही पीएम बोरिस जॉनसन को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। यहां पर सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि अविश्वास प्रस्ताव खुद जॉनसन की पार्टी की तरफ से लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान में भी इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और इमरान अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग में हार गए थे। जिसकी वजह से इमरान को भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। कुछ ऐसी ही राजनीतिक हलचल ब्रिटेन में शुरू हो चुकी है। अंतर सिर्फ इतना है कि यहां पर पीएम बोरिस जॉनसन खुद अपनी पार्टी के निशाने पर आ गए हैं।
मतदान में हारे तो जाएगी कुर्सी
ब्रिटेन कंजर्वेटिव पार्टी के अधिकारी ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि उन्हें सांसदों से कई पत्र मिले हैं। जिनमें मांग की गई है कि बोरिस जॉनसन को हटाकर मतदान कराया जाए और ब्रिटेन का नेतृत्व किसी दूसरे नेता को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि अगर 359 कंजर्वेटिव सांसदों के बीच वोटिंग में हार जाते हैं तो जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ेगा। पीएम जॉनसन पूरी तरह से अपनी ही पार्टी के सांसदों से घिरते जा रहे हैं।
बोरिस जॉनसन मुश्किल में
बोरिस जॉनसन इन दिनों सबसे बुरे दौर से गुजर रहे है। पार्टी में अंदरूनी कलह की स्थिति पैदा हो गई है। पार्टी के सांसद उनके खिलाफ बिगुल बजा रहे हैं। अगर अविश्वास प्रस्ताव में बोरिस जॉनसन जीत जाते हैं, तो आगे एक साल तक अपने पद पर बने रहेगा और कुर्सी बच जाऐगी।
गौरतलब है कि पीएम बोरिस जॉनसन पर कोरोना लॉकडाउन के दौरान सरकारी इमारतों में नियमों के उल्लंघन समेत कई मामलों में आरोप लगे हैं। जिसकी वजह से महीनों से पार्टी के निशाने पर भी हैं। हालांकि जॉनसन की कुर्सी छिनेगी या फिर बचेगी इस पर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है।