बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक आरती प्रभाकर को कैबिनेट में नियुक्त किया

अमेरिका बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक आरती प्रभाकर को कैबिनेट में नियुक्त किया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-23 05:00 GMT
बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक आरती प्रभाकर को कैबिनेट में नियुक्त किया
हाईलाइट
  • पहली महिला और अश्वेत

डिजिटल डेस्क,  न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक आरती प्रभाकर को ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी (ओएसटीपी) के डायरेक्टर के पद के लिए नामित किया गया है। इसकी जानकारी व्हाइट हाउस ने दी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि उनका नामांकन बुधवार को सीनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

दरअसल, पद ग्रहण करने से पहले उन्हें सीनेट की मंजूरी की जरूरत होगी, जिसमें कुछ महीनों का वक्त लग सकता है। अगर सीनेट उन्हें मंजूरी देता है तो वह ओएसटीपी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और अश्वेत होंगी।

व्हाइट हाउस ने एमआरएनए आधारित कोविड 19 वैक्सीन को महामारी से बहुत पहले संभव बनाने में मदद करने का श्रेय दिया।

व्हाइट हाउस ने कहा, आरती प्रभाकर ने 2012 से 2017 तक डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (डीएआरपीए) के निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रैपिड-रिस्पांस एमआरएनए वैक्सीन तैयार करने में मदद की, जो कोविड-19 के जवाब में विश्व इतिहास में सबसे तेज सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन थी।

बाइडेन ने कहा कि वह एक शानदार और सम्मानित इंजीनियर और अप्लाइड-फिजिस्ट हैं। वो हमारी संभावनाओं का विस्तार करने, हमारी सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करने और नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए ओएसटीपी का नेतृत्व करेंगी।

अगर सीनेट द्वारा उन्हें मंजूरी मिल जाती है, तो वह अमेरिकी कैबिनेट में सेवा देने वाली तीसरी भारतीय-अमेरिकी होंगी।

पहली निक्की हेली थीं, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2017 में कैबिनेट रैंक के साथ संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था।

पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने प्रभाकर को 1993 में राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएसटी) का प्रमुख बनाया था। 34 साल की उम्र में एनआईएसटी का नेतृत्व करने वाली भी वह पहली महिला थीं।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें डीएआरपीए का प्रमुख बनाया।

प्रभाकर ने सिलिकॉन वैली में एक कार्यकारी और एक उद्यम पूंजीपति के रूप में 15 वर्षो तक काम किया।

 

सॉर्स-आईएएनएस

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