अफगानिस्तान: IEC ने घोषित किए चुनाव के नतीजे, अशरफ गनी फिर बनेंगे राष्ट्रपति !
अफगानिस्तान: IEC ने घोषित किए चुनाव के नतीजे, अशरफ गनी फिर बनेंगे राष्ट्रपति !
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के लिए 28 सितंबर को हुए चुनावों में मोहम्मद अशरफ गनी, बाकी के उम्मीदवारों की तुलना में शीर्ष पर हैं। अफगान इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमीशन (IEC) द्वारा रविवार को राष्ट्रपति चुनावों के प्राथमिक परिणाम घोषित किए गए हैं। IEC के नतीजों के मुताबिक राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 50.64 फीसदी यानी कुल 9 लाख 23 हजार 868 मत हासिल किए हैं। वहीं अब्दुल्ला ने 39.52 फीसदी को 7 लाख 20 हजार 990 लोगों का मतदान मिला है।
#Afghanistan"s President Ashraf Ghani got the highest number of votes in the preliminary results of the election with 923,868, with 50.64%: TOLOnews (file pic) pic.twitter.com/mzRcNQ8FFE
— ANI (@ANI) 22 December 2019
परिणाम आने पर अब्दुल्ला ने इन आंकड़ों को मानने से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि "हम अपने समर्थकों, चुनाव आयोग और हमारे अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों को एक बार फिर यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब तक हमारी जायज मांगों को संबोधित नहीं किया जाता, तब तक हमा इस फर्जी वोट के परिणाम को स्वीकार नहीं करेगी।"
इस पर IEC प्रमुख हवा आलम नूरीस्तानी ने कहा कि "हमने ईमानदारी, वफादारी और भरोसे के साथ अपनी जिम्मेदारी पूरी की है।" उन्होंने बताया कि "हमने हर एक वोट का सम्मान किया है, क्योंकि हम लोकतंत्र बने रहना चाहते हैं।" बता दें कि यह परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाने थे, लेकिन तकनीकी मुद्दों और विभिन्न उम्मीदवारों (विशेषकर अब्दुल्ला) से धोखाधड़ी के आरोपों के चलते नतीजे आने में देरी हुई।
अफगानिस्तान की टोलो न्यूज के मुताबिक यूनाइटेड नेशन्स असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान (UNAMA) ने राष्ट्रपति चुनाव के प्राथमिक नतीजों का स्वागत किया है। वहीं यूएन-सेक्रेटरी-जनरल के स्पेशल रिप्रजेंटेटिव फॉर अफगानिस्तान, तदमिची यामामोटो ने कहा कि "सभी सभी अफगान अधिकारियों और अभिनेताओं को सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए।" इसके अलावा उन्होंने चुनावी प्रक्रिया के अंतिम चरण की अखंडता की रक्षा करने की सलाह भी दी है।
वहीं IEC प्रमुख हवा आलम नुरिस्तानी का कहना है कि फायनल रिजल्ट्स आने तक तस्वीर बदल भी सकती है। IEC ने यह भी कहा कि "राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 28 सितंबर को हुए चुनाव में बहुमत से जीतने में देरी की, जिससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई है।"