यूक्रेन का सामना करने से पहले भागने की फिराक में रूस के युवा, पुतिन के नए आदेश के बाद रूस में मची अफरा-तफरी, बड़ी संख्या में देश छोड़कर जा रहे लोग!
पुतिन के फरमान से हाहाकार यूक्रेन का सामना करने से पहले भागने की फिराक में रूस के युवा, पुतिन के नए आदेश के बाद रूस में मची अफरा-तफरी, बड़ी संख्या में देश छोड़कर जा रहे लोग!
- खबरों को रुसी सरकार ने बताया गलत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन से जंग और पश्चिमी देशों से तनातनी के बीच रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश में तीन लाख रिजर्व सैनिकों को लामबंद करने का आदेश दिया है। उनके इस आदेश के बाद जहां रुसी सरकार दावा कर रही है कि लगभग 10 हजार लोगों ने अपनी मर्जी से भर्ती होने के लिए सामने आए हैं, वहीं कई ऐसी भी खबरें आ रहीं हैं कि कई लोग सेना में भर्ती होने के डर से देश छोड़कर जा रहे हैं।
ये हैं ताजा हाल
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पुतिन के रिजर्व सैनिकों की तैनाती के आदेश के बाद लोगों को सरकार द्वारा समन भेजकर सेना में शामिल होने के बुलावा भेजा जा रहा है। रिपोर्टस के अनुसार देश के कई लोग बिना कोई समान लिए अलग-अलग स्थानों भाग गए हैं। अरमेनिया पहुंचे एक रुसी युवा ने मीडिया को बताया कि वह एक छोटा सा बैग लेकर पत्नी और बच्चों को रुस में ही छोड़कर यहां भाग आया है। उसने कहा, ‘मैं जंग के लिए नहीं जाना चाहता, मैं इस अर्थहीन युद्ध में मरना नहीं चाहता। यह भाई का कत्ल करने जैसा है।‘
बता दें कि पुतिन का तीन लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का ऐलान ऐसे समय पर आया, जब रुस यूक्रेन के डोनेत्स्क, लुहांस्क, खुरासान और जापोरिज्जिया को अपना हिस्सा बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह 23 सितंबर से लेकर 27 सितंबर तक वोटिंग भी करा रहा है।
इस पूरे मामले पर सरकार ने ये कहा
लोगों के देश छोड़कर भागने की खबर पर सरकार ने कहा कि युद्ध से बचने के लिए लोगों की देश छोड़कर भागने वाली खबरें पूरी तरह से गलत हैं। सरकार के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि इस बारे में गलत जानकारियां शेयर की जा रही हैं। वहीं रुस की एक यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे 26 साल के एक छात्र सर्गेई ने बताया कि पुतिन के आदेश के कुछ समय बाद मेरे घर पर दो लोग सादे कपड़ों में आए। उनके हाथों में सैन्य दस्तावेज था, जिस पर मुझे साइन करने के लिए कहा गया। मुझे कोई सैन्य अनुभव नहीं है फिर भी मुझे यह सैन्य ड्राफ्ट भेजा गया। मेरा पूरा परिवार इस समय चिंता में है क्योंकि सैन्य ड्राफ्ट पर साइन न करना रूस में अपराध माना जाना जाता है।
गौरतलब है कि पुतिन ने जब ये आदेश दिया था तब सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि सेना में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा, जो सेना में पहले रह चुके हों जिनके पास सैन्य अनुभव हो, लेकिन सर्गेई के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। एक और रूसी युवा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि वह इस सैन्य ड्राफ्ट से बचने के लिए कुछ भी करुंगा। मैं अपने हाथ-पैर तुड़वा लेना और जेल जाना पसंद करुंगा लेकिन सेना में जाना नहीं।
क्या है पुतिन का आदेश?
व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख सैनिको को आंशिक रुप से तैनात करने का आदेश दिया है। इस आदेश में आम लोगों के साथ सेना के रिटायर्ड जवान भी शामिल हैं। बता दें कि रुस में सैन्य ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है। यहां 18 से 27 साल के लोगों को एक साल की मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य रुप से करनी पड़ती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एक साल की ट्रेनिंग पूरे करने वाले रुस में अभी 20 लाख रिजर्व सैनिक हैं।